Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

सुपौल के लाल मयंक ने आईपीएल में मचाया धमाल

  • अपने पहले ही मैच में सभी की नजर अपनी ओर खींचा
  • किफायती गेंदबाजी के बल पर टीम को दिलायी जीत


सुपौल। इंडियन प्रीमियर लीग के 17वें सीजन के दौरान पंजाब किंग्स एवं लखनऊ के बीच खेले जा रहे 11वें मैच में सुपौल के लाल ने कमाल कर दिया। हम बात कर रहे हैं जिले के मरौना दक्षिण पंचायत स्थित कोसी तटबंध के भीतर बसे रतहो गांव निवासी स्व हरिश्चंद्र यादव के पौत्र 21 वर्षीय क्रिकेटर मयंक यादव का। जिन्होंने आईपीएल मैच के दौरान बल्लेबाजों में खौफ पैदा कर दिया। मालूम हो कि मैच के दौरान 10वें ओवर में पंजाब किंग्स का स्कोर बिना विकेट खोये 101 रन था। जो विरोधी खेमे के खिलाड़ियों की बेचैनी बढा रखी थी। इसी बीच लखनऊ सुपरजाइंट्स टीम के कप्तान निकोलस पूरन ने 11वें ओवर में आईपीएल में डेब्यू कर रहे गेंदबाज मयंक यादव के हाथों में बॉल सौंप कर भरोसा जताया। मयंक ने जब पहली बॉल 156 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से डाली तो सामने खड़े बल्लेबाज भौंचक रह गये। इसके बाद मयंक ने अपने काबिलियत का परिचय देते हुए 04 ओवर में 27 रन देकर 03 महत्वपूर्ण विकेट प्राप्त कर विरोधी खेमे में हलचल पैदा कर दी। मयंक के हाथों गोली की रफ्तार से निकलती गेंद देखकर दुनिया के महान बल्लेबाज व गेंदबाज युवा गेंदबाज के कायल हो गये।


इतना ही नहीं मयंक ने ही इस सीजन का सबसे तेज गेंद डाला। अपने पहले ही मैच में मैन ऑफ द मैच चुना गया। इससे पहले वर्ष 2022 में आईपीएल टीम लखनऊ ने उन्हें 20 लाख रुपये के बेस प्राइस में खरीदा था। लेकिन खेलने का मौका नहीं मिल। पुन 2023 में लखनऊ टीम में मयंक का चयन हुआ। लेकिन टूर्नामेंट प्रारंभ होने पहले ही वह चोटिल हो गये। इसके बाद पुन: 2024 में मयंक का चयन लखनऊ टीम में हुआ।

सुपौल जिला के मरौना दक्षिण पंचायत अंतर्गत रतहो गांव निवासी मयंक के च फूल कुमार यादव बताते हैं कि वह बहुत सीधे व सरल स्वभाव का खिलाड़ी है। उन्होंने दिल्ली में ही रहकर 12 वीं की परीक्षा पास की। मयंक के पिता प्रभु यादव का शौक था कि उनका बेटा क्रिकेटर बने और अपने माता-पिता, परिवार के अलावा देश का नाम रौशन करे। इसके बाद उसका दिल्ली के इंद्र प्रस्थ नेशनल क्रिकेट एकेडमी में नामांकन कराया गया। क्रिकेट गुरु देवेंद्र सर ने मयंक को क्रिकेट का हुनर सिखाया। मयंक के प्रदर्शन को देखते हुए पहली वार वर्ष 2019 दिल्ली स्टेट टीम में इसका चयन हुआ। मयंक बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकीन था।


मयंक के पिता प्रभु यादव मरौना प्रखंड के रतहो गांव निवासी स्व हरिश्चंद्र यादव के हैं। हरिश्चंद्र यादव एक साधारण किसान थे। लेकिन अपने पुत्रों को पढ़ाने लिखने में हमेशा रुचि रखते थे। मयंक के पिता प्रभु यादव ने दिल्ली में डुरा इंडिया टोन प्रा लिमिटेड नामक सायरन बनाने वाली कंपनी का मालिक है। मयंक के माता का नाम ममता यादव है, जो दिल्ली की ही निवासी है। मयंक की इस सफलता से उनके परिजन, जिला व बिहार वासियों में काफी खुशी का माहौल है।


इंडियन क्रिकेट न्यूज वेबसाइट क्रिकबज पर मयंक यादव के बारे में बताया गया है कि 21 वर्षीय तेज गेंदबाज मयंक यादव ने आईपीएल डेब्यू में ही प्रभावित किया। जहां उन्होंने शानदार स्पैल के बाद प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता। जिससे लखनऊ सुपर जाइंट्स ने पंजाब किंग्स के खिलाफ स्थिति बदल दी। इस प्रक्रिया में, उन्होंने लगातार 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा और टूर्नामेंट की अब तक की सबसे तेज गेंद 155.8 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फेंकी।

मयंक घरेलू सर्किट में दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं। विजय हजारे ट्रॉफी खेल के दौरान पूर्व भारतीय खिलाड़ी विजय दहिया ने देखा था। आईपीएल 2022 सीज़न से पहले मेगा नीलामी से ठीक पहले युवा खिलाड़ी को नई फ्रेंचाइजी ने खरीद लिया था और उस समय दहिया उनके सहायक कोच थे। हालाँकि, मयंक को उद्घाटन सत्र में एक भी खेल खेलने का मौका नहीं मिला जिसमें एलएसजी तीसरे स्थान पर रहा। पिछले साल मोहसिन खान की चोट से मयंक के लिए मौका खुल सकता था, लेकिन हैमस्ट्रिंग में चोट के कारण उन्हें भी पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा।
हाल ही में दिल्ली और उत्तरी क्षेत्र के लिए सफेद गेंद क्रिकेट में प्रदर्शन ने सबका ध्यान खींचा। उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 4 मैचों में 5 विकेट लिए और सेमीफाइनल में भी दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज थे, जिसे वे अंततः हार गए। विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने 5 मैचों में 6 विकेट लिए। उन टूर्नामेंटों से पहले, वह 2023 देवधर ट्रॉफी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में से एक थे। उत्तरी क्षेत्र की टीम में चुने गए मयंक ने अपनी गंभीर गति से बल्लेबाजों को परेशान किया और 5 मैचों में सिर्फ 17.58 की औसत से 12 विकेट लिए। अपने युवा करियर में मयंक ने अब तक सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच खेला है। वह डेब्यू दिसंबर 2022 में रणजी ट्रॉफी में महाराष्ट्र के खिलाफ हुआ था। उन्होंने खेल में दो विकेट लिए और उसके बाद से इस प्रारूप में नहीं खेले।


मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मयंक ने खुलासा किया कि वह दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी डेल स्टेन का आदर करते थे। संयोग से, स्टेन उन कई पूर्व क्रिकेटरों में से एक थे जिन्होंने आईपीएल में पदार्पण के बाद इस युवा खिलाड़ी की भरपूर प्रशंसा की थी।

कोई टिप्पणी नहीं