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छातापुर : आध्यात्मिक ज्ञान के रंगों से आत्मा की चोली को रंगना ही है वास्तविक होली : शालिनी दीदी

सुपौल। छातापुर मुख्यालय बाजार स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र में शनिवार को अलौकिक होली महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में ईश्वरीय विश्वविद्यालय सुपौल की मुख्य संचालिका बीके शालिनी दीदी सहित सेवा केंद्र की दीदीयों ने मौजूद लोगों को तीलक लगाकर होली की शुभकामनाएं दी। सादगी व उत्साहपूर्ण माहौल में नन्ही बालिका अवनि ने स्वागत गान पर नृत्य प्रस्तुत कर सबों का मन मोह लिया। वहीं दीदीयों के द्वारा अलौकिक होली के संदर्भ में विस्तृत रूप से बताया गया। मुख्य संचालिका शालिनी दीदी ने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान के रंगों से आत्मा की चोली को रंगना ही वास्तविक होली है। ईश्वरीय संग के रंग में स्वयं के मन को रंगने को ही अलौकिक होली कहते हैं। लेकिन भौतिकवादी इस संसार में हर एक मनुष्य मायारूपी रंगों से सराबोर हैं। होली का उत्सव आपसी भेदभाव व मनमुटाव को खत्म करने का अवसर है। एक दूसरे के गीले शिकवे को भूलाकर जीवन में भावना, उमंग व उल्लास प्रकट करने का मौका बनाना चाहिये। तब जाकर असल होली की सार्थकता सिद्ध होती है। इस दिन हमें अपनी अंदर की बुराईयों, व्यवसन व अवगुण रूपी होलिका को ईश्वरीय ज्ञान और राजयोग की अग्नि में जलाकर भस्म कर देना चाहिए। त्रिवेणीगंज केंद्र संचालिका बीके सुनीति दीदी ने कहा की होलिका दहन हमें यह याद दिलाता है कि पापी अपने ही किए पाप के ताप से जल मरता है। इसलिए हमें कोई पाप करने से बचना चाहिए। हमें प्रह्लाद की तरह मन, बुद्धि और हृदय से भगवान के शरनागत हो जाना चाहिए। अर्थात ईश्वरीय ज्ञान, गुण, शक्ति और मर्यादाओं को जीवन में आत्मसात करने को ही अलौकिक होली कहते हैं। बीके लक्ष्मी दीदी ने कहा की होली में मनुष्य के द्वारा बनाया गया कृत्रिम रंग लगाने से हम हर्षित हो जाते हैं। लेकिन आत्मा की तृप्ति ईश्वर के द्वारा बनाए गए रंगो के अनुभव मात्र से होती है। इस मौके पर पूर्व मुखिया प्रतिनिधि संजीव कुमार भगत, पूर्व पंसस अशोक भगत आदि ने भी वास्तविक होली को लेकर अपनी विचारों को रखा और सभी को शुभकामनायें दी। मौके पर ललितेश्वर पांडेय, मानिकचंद दास, दिनेश चौधरी, राममूर्ति मुखिया, राजेश जैन, धनिलाल मलाकार, कंचन पांडेय, सुशीला देवी, उषा भगत, मीनू देवी, मनोज साहू, राजु भगत आदि मौजूद थे। 



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