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बकौर-भेजा के बीच कोसी नदी पर निर्माणाधीन देश के सबसे लंबे पुल का गार्डर गिरा, एक की मौत 10 जख्मी

  •  1286 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन एप्रोच सहित पुल का कार्य 2025 में होना है पूरा



सुपौल ।  मधुबनी जिले के भेजा से सुपौल के बकौर के बीच कोसी नदी पर निर्माणाधीन देश के सबसे लंबे पुल का तीन गार्डर शुक्रवार की सुबह भरभरा कर गिर गया। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हो गए। घायलों में तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। 


हालांकि घटना की सूचना मिलते ही डीएम कौशल कुमार एवं एसपी शैशव यादव स्थल पर पहुंचे और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम को बचाव कार्य पर लगाया। स्थानीय लोग अभी भी कुछ मजदूरों के गार्डर के नीचे दबे होने की आशंका जता रहे हैं। मृतक की पहचान किशनपुर थाना क्षेत्र के पंचगछिया निवासी 27 वर्षीय विपिन कुमार यादव के रूप में हुई है। मृतक व‌ घायलों के लिए डीएम की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है। 


घायलों में दिलिप शर्मा, दीपचरण, भूपेन मल्लाह, रामानंद कुमार, नूर हसन, प्रयाग लाल यादव, लवकुश आदि शामिल हैं। वहीं एडीएम राशिद कलीम अंसारी ने मृतक के परिजनों से मिल प्रावधान के अनुसार हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। 


इस बीच दोपहर में मृतक के पोस्टमार्टम व कागजी प्रक्रिया में विलंब को ले परिजन आक्रोशित हो गए और शव लदा स्ट्रेचर सहित अस्पताल गेट से बाहर आकर एन एच-327ए को जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी। परिजन डीएम को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। इस दौरान सदर अस्पताल के कुछ सुरक्षा गार्ड परिजनों को समझाकर शव को अस्पताल परिसर ले जाने की कोशिश करने लगे जिन्हें कोपभाजन का शिकार होना पड़ा। परिजनों का हंगामा बढ़ता देख एडीएम श्री अंसारी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया। 


इधर, पुल निर्माण कंपनी ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड की ओर से मृतक के आश्रितों को 10 लाख रुपए का चेक दिए जाने की जानकारी मिल रही है। हालांकि डीएम श्री कुमार ने भी निर्माण कंपनी की ओर से मृतक के आश्रितों को 10 लाख व घायलों को एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी। लोगों की मानें तो पुल का एक हिस्सा कोसी नदी में गिर गया है। हालांकि गार्डर जहां गिरे उस जगह पानी नहीं था। जख्मी मजदूरों ने बताया कि वे लोग ऊपर काम कर रहे थे इसी बीच पुल का सेगमेंट नीचे गिर गया। बताया कि उस वक्त काम पर 15 मजदूर लगे थे जिनमें से सात लोग ऊपर थे।

 यहां यह बता दें कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत 1286 करोड़ की लागत से 10.2 किमी लंबा यह पुल केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में शामिल है। इस पुल को 2025 में बनकर तैयार होना है जो एप्रोच समेत 13.3 किमी का होगा। आरंभ में पुल निर्माण कार्य 2023 में पूर्ण होने की बातें सामने थी, लेकिन बीच के कोरोना काल के कारण समय बढ़ाकर 2025 किया गया। इस पुल के निर्माण की जिम्मेदारी बकौर की तरफ से ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड एवं मधुबनी के भेजा की ओर से गैमन इंजीनियर्स एंड कान्ट्रेक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है। 

हादसा की वजह बताते इंजीनियर अनंत वत्स ने बताया कि बॉक्स सेगमेंट को ट्रक से ट्रांसपोर्ट कर लाया गया था। क्रेन से उसे खींचा जा रहा था इसी दौरान किसी एक कोने का क्लिप ढीला पड़ गया जिस कारण सेगमेंट बॉक्स ट्रक पर गिर गया। चुंकि ट्रक पहले से एक सेगमेंट बॉक्स पर खड़ा था, सो दूसरा सेगमेंट बॉक्स भी धाराशायी हो गया। इसके बाद देखते ही देखते तकरीबन 12 बॉक्स गिर गए। ये सेगमेंट बॉक्स दो पिलर संख्या 153 व 154 के बीच थे। 


मौके पर पहुंचे डीएम कौशल कुमार ने बताया कि जो गार्डर गिरा है उसकी लंबाई 60 मीटर है। घायलों को एक लाख एवं मृतक के आश्रितों को 10 लाख मुआवजा दिया जाएगा। सुबह के अटेंडेंस सीट को चेक किया गया है। जितने भी मजदूर सुबह की शिफ्ट में कार्यरत थे उनमें से 11 के अलावा सभी सुरक्षित हैं। बावजूद एक बार क्रेन से चेक किया जाएगा। इधर, घायलों में से सात मिथिला अस्पताल सुपौल व तीन लोग सूर्या अस्पताल सहरसा में भर्ती हैं। बचाव कार्य में देरी के सवाल पर उन्होंने कहा कि दियारा इलाके में एप्रोच रोड संकीर्ण रहने के कारण भेजा से बायरोड क्रेन लाया जा रहा है। 


ब्रिज एक्सपर्ट एके श्रीवास्तव, महेश टंडन एवं जीएल वर्मा को जांच के आदेश दिए गए हैं। एनएचएआई के अधिकारी अनिल चौधरी हालात का जायजा लेंगे और जांचोपरांत कार्रवाई होगी। स्थानीय लोगों की मानें और तो हादसा के बाद कंपनी के सभी बड़े अधिकारी मौके से फरार हो गए। स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को काम के बाद होली की छुट्टी होनी थी।








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