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जिले में लागू हो गई आदर्श आचार संहिता, इन सभी नियमों का करना होगा पालन, नहीं तो हो सकती है कार्रवाई : डीएम



सुपौल। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा आम निर्वाचन 2024 की घोषणा 16 मार्च को कर दी गई। निर्वाचन की घोषणा की तिथि से ही जिले में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है तथा विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी प्रचार कार्यक्रम प्रारम्भ कर दिया गया है। इस अवधि में विभिन्न राजनैतिक दलों एवं प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार हेतु जन सभा/जुलूस का आयोजन किया जायेगा। जन सभा एवं जुलूस में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता एवं प्रतिस्पर्धा के कारण शस्त्र एवं शक्ति प्रदर्शन पर मतदाताओं को प्रभावित व आतंकित किए जाने तथा विधि-व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। इसके अतिरिक्त मतदाताओं को डराने, धमकाने, जातीय, साम्प्रदायिक तथा धार्मिक विद्वेष की भावना फैलाने के लिए अवांछित व असामाजिक तत्त्वों के सक्रिय होने के कारण विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जिसके कारण लोक-शांति भंग हो सकती है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए डीएम सह जिला दंडाधिकारी कौशल कुमार चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुपौल जिला के लिये विभिन्न आदेश जारी किया है।

बिना किसी पूर्व अनुमति के नहीं आयोजित किया जायेगा सभा, जुलूस धरना

जारी पत्र में डीएम ने बताया कि किसी भी व्यक्ति, राजनैतिक दल या संगठन के द्वारा राजनैतिक प्रयोजन से संबंधित किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, धरना या प्रदर्शन तथा ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग बिना सक्षम पदाधिकारी की पूर्वानुमति के आयोजित नहीं किया जायेगा।

आदर्श आचार संहिता के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें

- बिहार लाउडस्पीकर के उपयोग और बजाने पर नियंत्रण अधिनियम 1955 के अन्तर्गत ध्वनि-विस्तारक यंत्र का प्रयोग रात्रि 10.00 बजे से प्रातः 06.00 बजे तक वर्जित रहेगा।

- कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल या संगठन किसी प्रकार का पोस्टर, पर्चा, आलेख, फोटो आदि का प्रकाशन नहीं करेंगे। इस संबंध में किसी प्रकार का आपत्तिजनक, विधि विरूद्ध संदेश, व्हाटसएप्प, फेसबुक, अन्य सोशल मीडिया या एसएमएस अथवा अन्य इलेक्ट्रोनिक्स माध्यम से आदान प्रदान नहीं करेंगे। जिससे कि चुना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो।

- कोई भी व्यक्ति किसी किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग राजनैतिक प्रचार के लिए नहीं करेंगे एवं साम्प्रदायिक भावनाओं को भड़काने का कार्य नहीं करेंगे।

- कोई भी व्यक्ति, राजनैतिक दल या संगठन मतदाताओं को डराने, धमकाने एवं किसी को भी प्रलोभन में लाने का प्रयोग नहीं करेंगे।

- प्रदूषण फैलाने वाले प्रचार सामग्रियों का इस्तेमाल राजनैतिक प्रचार-प्रसार के लिए नहीं किया जायेगा।
- कोई भी व्यक्ति आग्नेयास्त्र, तीर-धनुष, लाठी, भाला, गड़ासा एवं मानव शरीर के लिए घातक कोई भी
हथियार का प्रदर्शन नहीं करेंगे। (यह आदेश परम्परागत ढंग से शस्त्र धारण करने वाले समुदाय, विधि-व्यवस्था एवं निर्वाचन कर्त्तव्य पर लगे दंडाधिकारी व निर्वाचन कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा)

- किसी भी राजनैतिक दल, व्यक्ति, संगठन के द्वारा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता के संदर्भ में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देश के विपरीत कोई कार्य नहीं किया जायेगा।

- चुनाव प्रचार के लिए वाहनों को इस्तेमाल केवल भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विनिर्दिष्ट पद्धति एवं प्रक्रिया से सक्षम प्राधिकार से अनुमति प्राप्त कर किया जा सकेगा एवं वाहन अधिनियम की धाराओं एवं एक साथ चलने वाले (काफिला) वाहनों की संख्या के संबंध में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित सीमा का अनुपालन होगा।

- वाहनों की परिभाषा वही होगी, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में निर्धारित है एवं वाहनों पर प्रचार की सामग्री का प्रदर्शन भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार ही होगा। साथ ही वाहनों के स्वरूप में किसी भी प्रकार का बदलाव सक्षम पदाधिकारी की अनुमति से ही होगा।

- नामांकन के समय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा व्यक्तियों एवं वाहनों के संबंध में लगाई गई सीमाओं का अनुपालन सभी व्यक्तियों द्वारा किया जायेगा एवं चुनाव प्रचार से संबंधित भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत् अनुपालन करना होगा।
- यह आदेश पूर्व अनुमति प्राप्त सभा, जुलूस, शादी, बरात पार्टी, शव यात्रा, हाट बाजार, अस्पताल ले जा रहे मरीज के साथ जाने वाले व्यक्तियों, विद्यालय एवं महाविद्यालय में जाने वाले छात्र-छात्राओं एवं कर्त्तव्य पर तैनात सरकारी कर्मचारी व पुलिस बल पर लागू नहीं होगा।


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