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रात के अंधेरे में मशीन निपटा रही मनरेगा की योजनाएं, कागज में मजदूर, स्थल पर जेसीबी से काम

  • छातापुर प्रखंड के झखाड़गढ पंचायत वार्ड नंबर 05 में संचालित है योजनाएं 
सुपौल। छातापुर प्रखंड के झखाड़गढ पंचायत स्थित वार्ड संख्या पांच में चंद जमींदारों की सुविधा के लिए मनरेगा की राशि से सड़क का निर्माण हो रहा है। यह सड़क सुरसर नदी के बांध तक जाती है जिसमें आबादी नगण्य है। इस सड़क में तकरीबन सात लाख की राशि से पुलिया बनाई जा रही है जो छातापुर-झखाड़गढ पथ को‌ उक्त सड़क से जोड़ती है। दोनों कार्य साथ-साथ चल रहा है। 
     बताया जा रहा है कि दोनों पंचायत की सीमा से गुजरी इस सड़क पर इससे पूर्व छातापुर पंचायत से योजना चलाई गई थी जो खाओ पकाओ नीति की शिकार हो गई। दोहरे प्रयास में झखाड़गढ पंचायत से उसी सड़क पर विभागीय कृपा से लाखों की राशि खपाई जा रही है। लेकिन अबकी बार भी यह सड़क अनियमितता की शिकार हो गई है। तीन रात तक जेसीबी ने धमाचौकड़ी मचाई और सड़क का निर्माण तकरीबन पूरा कर लिया। अब बस दो चार मजदूरों को खड़ा कर फोटो खींच कर विभागीय लीपापोती शेष है। 

निर्माणाधीन पुलिया के समीप रखा निम्न स्तरीय ईंट व सफेद बालू।

       इधर, पुलिया निर्माण में भी धड़ल्ले से गुणवत्ता से खिलवाड़ किया गया। लोकल बालू व निम्न स्तरीय ईंट से पुलिया का ढांचागत निर्माण तो कर लिया गया है अब ऊपरी ढलाई का काम शेष है। सटरिंग तैयार है और यह भी किसी रात निपटा लिया जाएगा। स्थल पर तीन नंबर का ईंट व लोकल सफेद बालू इस बात की तस्दीक कर रहा है कि ढलाई में भी सर्द रात ईमान खोए लोगों का मददगार बनेगा। इसी सड़क में छातापुर पंचायत से चलाए गए योजना कार्य के दौरान निर्मित पुराने सूचना बोर्ड पर अब झखाड़गढ वाले सफेदी पोतकर तब सूचना अंकित करने वाले हैं जब कार्य अंतिम चरण में है। योजना में धड़ल्ले से बरती गई अनियमितता व मजदूरों के साथ हुई हकमारी की गवाही खुद योजना स्थल दे रहा है। स्थलीय हालात यह बताता है कि सारी कारस्तानी पंचायत रोजगार सेवक की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकती। वहीं तकनीकी सहायक या कनीय अभियंता ने निर्माण के दौरान स्थलीय निरीक्षण नहीं किया। 

जेसीबी से डाली गई मिट्टी
 
        यह स्थिति तब है जबकि मुख्यालय पंचायत से सटे होने के कारण मनरेगा कार्यालय से योजना स्थल की दूरी दो किमी भी नहीं होगी। मामले की जानकारी पीओ मनरेगा को देने के बाद उन्होंने पीआरएस को स्थल पर भेजा। लेकिन पीआरएस हाजिरी लगाने उस वार्ड सदस्य के दरवाजे पहुंच गए जो स्वयं उक्त योजना का अघोषित ठेकेदार बना है और सारे कार्य उसी ने निपटाए हैं। 
        इस संदर्भ में पूछने पर मनरेगा पीओ कौशल राय ने बताया कि स्थलीय निरीक्षण कर यथोचित कार्यवाही की जाएगी।



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