सुपौल। सदर अस्पताल सुपौल में गुरूवार को एक 13 वर्षीय बच्चे की उपचार के क्रम में मौत हो गई। घटना से आहत मृतक के परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी स्थित डॉक्टर के चैंबर में जमकर तोड़फोड़ एवं हो-हंगामा किया। हंगामा शुरू होने के साथ ही डयूटी पर तैनात डॉक्टर डॉ विमल कुमार पीछे की गेट से फरार हो गए। उधर आक्रोशित लोगों द्वारा डॉक्टर के चैंबर के खिड़की का शीशा तक फोड़ दिया। हंगामा के कारण करीब डेढ़ तक इमरजेंसी सेवा बाधित रही। हंगामा शुरू होने के करीब एक घंटे बाद तक घटना स्थल पर ना अस्पताल के कोई वरीय पदाधिकारी नजर आए ना ही पुलिस इस दौरान मौके पर उपस्थित सदर अस्पातल के सुरक्षाकर्मी हंगामा को शांत कराने का भरपूर प्रयास करते दिखे। लेकिन आक्रोशित परिजन शांत होने का नाम नहीं ले रहे थे। आक्रोशित परिजन बार-बार डॉक्टर को उनके हवाले कराने की मांग कर रहे थे।
घटना के करीब एक घंटे बाद मौके पर पहुंची सदर थाना पुलिस, अस्पताल प्रबंधक, डीपीएम एवं अन्य पदाधिकारी भी पहुंचे। जिसके बाद लोगों को समझा बुझाकर हंगामा शांत करवाया गया। हालांकि बाद में परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया और शव को लेकर घर चले गए।
गंभीर स्थिति होने के बाद भी एक बार भी मरीज को देखने नहीं पहुंचे डॉक्टर
प्राप्त जानकारी के अनुसार भपटियाही थाना क्षेत्र अंतर्गत सदानंदपुर वार्ड नंबर 02 निवासी अनिल गुप्ता का 13 वर्षीय पुत्र राहुल कुमार बीते बुधवार को एक पेड़ से गिर गया था। जिसके बाद परिजनों द्वारा उसे भपटियाही पीएससी में भर्ती करवाया गया। जहां से प्राथमिकी उपचार के बाद चिकित्सक द्वारा उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजन गुरूवार की सुबह 09 बजे बच्चे को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर की लापरवाही के कारण दिन के करीब एक बजे बच्चे की मौत हो गई। मृतक के भाई चंदन कुमार गुप्ता ने बताया कि बच्चे को लेकर जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर द्वारा उसका अल्ट्रासांउड, एक्स-रे, सीटी स्कैन सहित अन्य जांच करवाने की बात कही। जांच कराने पहुंचे तो पता चला कि अल्ट्रासांउड और सीटी स्कैन के रिपोर्ट में दो से तीन घंटे का वक्त लगेगा। इधर मरीज के स्थिति में लगातार गिरावट आ रही थी। इस दौरान एक भी बार डॉक्टर मरीज को देखने वार्ड नहीं पहुंचे। डॉक्टर से जब मरीज के बिगड़ी हालत के बारे में बताते हुए या तो प्राथमिकी उपचार तत्काल करने या रेफर करने की बात कही गई तो डॉक्टर द्वारा बोला गया कि जब तक रिपोर्ट नहीं आ जाएगा, तब तक हम कुछ नहीं कर सकेंगे। जिसके बाद हमलोग बाहर से जांच करवाकर लाए। इसके बाद भी डॉक्टर मरीज के फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए नहीं पहुंचे। इसी दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया। मौत होने के बाद हमलोगों को भ्रमित करने के उद्देश्य से मरीज के पूर्जा पर रेफर लिख दिया। जब तक परिजनों को उसके मौत की सूचना हुई, तब तक डॉक्टर पीछे के रास्ते चैंबर से फरार हो गया। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ ललन ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से भी इंकार कर दिया। सभी बिंदुओं को देखने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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