- वीर लोरिक का जीवन दर्शन वर्तमान समाज के लिए आईना : डॉ अमन
सुपौल। वीर लोरिक के विचारों को जन-जन में पहुँचाने के उद्देश्य से सोमवार को लोरिक विचार मंच के द्वारा स्वतंत्रता सेनानी चौक चौघारा परिसर से लोरिक विचार यात्रा व संकल्प सभा का विधिवत आगाज प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार एवं राजद शिक्षक प्रकोष्ट के प्रदेश महासचिव भगवानदत्त यादव के द्वारा झंडी दिखाकर किया गया। डॉ. अमन कुमार के नेतृत्व में हरदी पूरब पंचायत के वार्ड नंबर-03, 05 एवं वार्ड नंबर-08 के विभिन्न मार्गों पर यात्रा कर वीर लोरिक के संदेशों से आम-आवाम को अवगत कराया गया।
मौके पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि वीर लोरिक समुद्र के समान गंभीर, पर्वत के समान धैर्यवान, विष्णु के समान बलवान, चंद्रमा के समान प्रियदर्शन, कुबेर के समान त्यागी और पृथ्वी के समान क्षमावान योद्धा थे। वीर लोरिक बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उत्तर भारत में वीर लोरिक ने ही क्रांति और समाजवाद का बीज बोया। कहा कि वीर लोरिक दुनिया में सामाजिक क्रांति के सबसे बड़े अग्रदूत थे। वे असामाजिक तत्व, राष्ट्रविरोधी, अन्यायी को छोड़कर दुनिया को अपना परिवार मानते थे। वीर लोरिक इरादे के पक्के थे। वे निष्पक्ष व्यक्तित्व और अपने आप में अनोखा थे। वीर लोरिक मानव एकता के पक्षधर और असत्य के सामने न झुकने वाला योद्धा थे। वे गैर बराबरी और आर्थिक विषमता के खाई को मिटाने का पुरजोर लड़ाई लड़े। ज्यों-ज्यों समय बीतता जाएगा लोरिक की प्रासंगिकता ओर बढ़ती जाएगी। डॉ कुमार ने कहा कि वीर लोरिक पाखंड और ज्योतिषी के घोर विरोधी थे। समाज के अहित करने वाला लोरिक का सबसे बड़ा दुश्मन था। वीर लोरिक का जीवन सामाजिक और आर्थिक दर्शन है। वीर लोरिक का जीवन दर्शन वर्तमान समाज के लिए आईना है। वे सामाजिक सुधार एवं जनकल्याण हेतु आजीवन संघर्ष करते रहे। कुप्रथा, असामाजिक तत्व, पूँजीवाद और सामंतवाद के खिलाफ डंका की चोट पर लड़ाई-लड़ने का कार्य किये। आज वीर लोरिक के संघर्ष को आत्मसात कर स्वच्छ, सुन्दर, खुशहाल, शिक्षित और विकसित समाज बनाने की जरूरत है। भगवानदत्त यादव ने कहा कि वीर लोरिक के कर्मभूमि को बेहतर बनाना हम सबों की जवाबदेही है। कार्यक्रम में प्रदेश सचिव नरेश कुमार राम, फुलेन्द्र यादव, गणेश यादव, वार्ड सदस्य मोहन यादव, मनोज शर्मा, राजद नेता विजय कुमार यादव, प्रो. श्याम यादव, मो. मुस्ताक, दिनेश यादव, सतीश कुमार, नंदन कुमार, सिकेन्द्र यादव, उपेन्द्र यादव. सत्यनारायण यादव, परमेश्वरी यादव, कृष्ण कुमार, शम्भू यादव, अशोक भगत, शिवकुमार यादव, संजय कुमार, रमेश शर्मा, बिहारी यादव, सुरेश सादा, नागो साह, विद्यानंद यादव, जगदेव यादव, हरेराम यादव, सुनील साह आदि ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
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