- दो नेपाली को दिया‘आतंकवादी’ करार
- विशेष अदालत के तीन सदस्य पीठ ने सुनाई फैसला
जोगबनी (अररिया)। पाकिस्तान के आतंकी संगठन आईएसआई से मिल कर नेपाल मे रह भारत मे आतंकी गतिविधि संचालन करने के आरोपी को शुक्रवार को नेपाल के विशेष अदालत के अध्यक्ष टेकनारायण कुँवर तथा सदस्य द्वय मुरारीबाबु श्रेष्ठ व रितेन्द्र थापा के तीन सदस्य बेंच ने नेपाली नागरिक वृजकिशोर गिरी व समसुल होदा को 12-12 वर्ष का सज सुनाया है ।
विशेषका प्रवक्ता तथा उपरजिस्ट्रार धनबहादुर कार्की के अनुसार दोनों को सजा के साथ ही 27 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। दस दिन पूर्व ही विशेष अदालत ने होदा व गिरी को पाकिस्तानी नागरिक सफी के साथ मिलकर भारत में आतंकी हमले का योजना बनाने का दोषी पाया था। इसके विरुद्ध नेपाल से भारत मे आतंकी गतिविधि संचालन करने सहित दो भारतीय नागरिक का भी हत्या का आरोप सिद्ध हुआ है।
यह था मामला
बिहार में दिसम्बर 2016 में हुए रेल लाइन बम विस्फोट में शामिल रहे दो नेपाली नागरिक को नेपाल के विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए नेपाल मे रह कर पाकिस्तान की आईएसआई के साथ मिलकर भारत विरुद्ध आतंकी घटना को अंजाम देने का दोषी पाया गया है।
शुरुआत के चरण में इन लोगों पर सम्पत्ति शुद्धकरण विभाग के द्वारा अनुसन्धान कर विशेष अदालत मे मामला दर्ज किया था । विभाग के दावा अनुसार अदालत के द्वारा इन दोनों का आतंकवादी गतिविधि में निवेश करने की पुष्टि हुई है। लेकिन सजा का फैसला का निर्धारण अगली सुनवाई में होगी। नेपाल के आतंकवाद विरुद्ध दस्ता के एक अधिकारी के अनुसार समसुल होदा नेपाल के बारा जिले के कलैया निवासी है। वहीं दुबई में रह कर पाकिस्तानी नागरिक के साथ मिलकर भारत विरुद्ध आतंकवादी योजना बनाने का काम करता था।
बम बिस्फोट के लिए नेपाली व भारतीय युवा को करता था संगठित
होदा के द्वारा नेपाली व भारतीय युवा को संगठित बना कर नेपाल से बिहार मे रेल्वे ट्रैक मे बम विस्फोट करने का योजना बनाया था। योजनाअनुसार बम भी रखा गया था लेकिन प्राविधिक कारण से बम बिस्फोट नही हुआ। इन सभी कार्य के लिए इसके पास पाकिस्तान से फंड आता था इसके बाद वह दुबइ से नेपाल मे रहे गुट को पैसा भेजता था। बम बिस्फोट की योजना असफल होने के बाद इस कार्य मे शामिल दो भारतीय नागरिक का हत्या करवा जंगल मे फेंक दिया था जिसके अनुसंधान में पुलिस को इसका कनेक्सन होदा से जुड़ा था।
जंगल में मिले शव का आतंकवाद कनेक्सन
घटना 26 दिसम्बर 2016 कि है जब नेपाल के बारा जिले के जंगल मे पुलिस के द्वारा दो युवा का शव बरामद किया था। अनुसन्धान पश्चात वह दोनों शव भारतीय नागरिक दीपक राम व अरुण राम के होने की बात सामने आई थी। इस हत्या मे संलग्न उमेशकुमार पटेल व कलैया के बरेवा निवासी मोजाहिर अंसारी की गिरफ्तारी हुई। महिला के वेश में ससुराल में छिपा था गिरी
भारत के विरुद्ध आतंकी गतिविधि के योजनाकार के रूप मे सिमरा के बृजकिशोर गिरी नाम सामने आने के बाद। पुलिस गिरी के तलाश मे लग गयी । लेकिन खोज नही सकी जिसके उपरांत नेपाल पुलिस के आतंकवाद विरुद्ध दस्ता को सूचना मिली की वह बारा जिले के बिजबनिया वार्ड नम्बर 7 मे रहे अजय गिरी के घर मे छुप कर रह रहा है जहाँ पुलिस पहुची तो दोनों तरफ से गोलाबारी हुई जिसमे नेपाल पुलिस के द्वारा 6 राउन्ड गोली चलायी गयी।वही घर से एक महिला भागते दिखी । शंका के आधार पर पुलिस के द्वारा पाँव मे गोली मार कर नियन्त्रण मे लेने के बाद महिला के भेष मे गिरी के होने की बात सामने आयी।
दोनों देश की संयुक्त एजेंसि कर रही थी जांच
हत्या व आतंकवाद से मामला जुड़ने के बाद नेपाल मे विशेष ब्युरो व भारत मे स्पेसल टाक्स फोर्स के द्वारा इस मामले का अनुसंधान शुरू किया गया था। जिसके बाद नेपाल मे पहले तीन की गिरफ्तारी हुई जिसके निशांदेही पर एस टी एफ के द्वारा मोती पासवान, उमाशंकर पटेल व मुकेश यादव को गिरफ्तार किया था।
एसटीएफ के द्वारा गिरफ्तार तीनों आरोपी के द्वारा सिम्रौनगढ घोडासन व आदापुर नकरदेही मे रेल्वे लाईन मे विस्फोटक के योजना अनुसार बम रखने की बात कबूल किया था। लेकिन प्रेसरकुकर बम में तार नहीं जुटने से बम बिस्फोट नहीं होने की बात कही थी। जिसके बाद अनुसंधान में इस घटना का मुख्य योजनाकार के रूप में मास्टरमाइन्ड दुबइ में रहे नेपाली नागरिक समसुल होदा होने की पुष्टि हुई थी।
मलेसिया से भी आतंकवाद कनेक्सन
पुलिस अनुसंधान मे होदा के द्वारा गिरी को पैसा दे दुबई जाने की बात सामने आई तो गिरी के द्वारा भारतीय व नेपाली नागरिक का एक समूह बना रेल्वे ट्रैक में बम बिस्फोट के लिए तीन लाख भारतीय रुपए देने की बात सामने आई। पहला योजना सफल नहीं होने के बाद दूसरी बार बम बिस्फोट की योजना बनायी गयी। लेकिन भारतीय युवा के द्वारा इंकार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी।
आतंकवाद से लेकर जली नोट तक का कारोबार
भारत के सुरक्षा एजेन्सी के द्वारा होदा पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी से मिलकर भारत के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधि में संलग्न होने का दावा कर रही थी। लेकिन नेपाल मे आतंकवाद सम्बन्धी अनुसंधान कर रही नेपाल की विशेष ब्युरो के द्वारा निगरानी में तो रखा था। लेकिन गिरफ्तारी के लिए ठोस सबूत खोज रही थी। होदा के ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसंधान में मलेसिया, इराक, अफगानिस्तान जाने की बात सामने आई। वह मलेसिया वैदेशिक रोजगार के लिए गया था। वही उसका सम्पर्क पाकिस्तानी आतंकी संगठन से हुआ। जिसके साथ मिलकर वह नकली भारतीय रुपए का कारोबार भी करने लगा। नकली भारतीय रुपए के कारोबार के लिए वह नेपाल आ कर राजनीति में सक्रिय होने का प्रयास किया। लेकिन सफल नहीं हो सका। इसके बाद वह सक्रिय रूप से आतंकवाद गतिविधि में संलग्न हो गया।
अनुसंधान मे पाकिस्तान में रहे सफी नामक व्यक्ति से उसका घनिष्ठ सम्बन्ध दिखा। वह होदा को पैसा लगातार भेजता था व होदा दुबई से नेपाल में पैसा भेजा करता था।नेपाल पुलिस को पुख्ता सबूत मिलने के बाद नेपाल मे गिरफ्तार आतंकी के विरुद्ध हत्या के मामले में अनुसंधान कर रही थी तो होदा दुबइ में था। अब नेपाल पुलिस होदा को नेपाल लाने की प्रक्रिया में जुट गयी थी। सबूत के आधार पर दुबई के सुरक्षा निकाय के द्वारा उसे नेपाल डिपोर्ट करने के बाद होदा सहित चार व्यक्ति को जेल भेजा गया था। पुलिस के द्वारा इन लोगों के विरुद्ध आतंकी गतिविधि सहित सम्पत्ति शुद्धीकरण मे भी मामला दर्ज कर विभाग को भेजा तो इन लोगो की सम्पति आतंकी गतिबिधि से जोड़ने का प्रमाण मिला जिसके आधार पर विशेष अदालत के द्वारा नेपाल मे रह भारत में आतंकी हमले करने का दोषी करार दिया है।
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