सुपौल। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ब्रजकिशोर सिंह की अदालत ने मंगलवार को एक अभियुक्त को 10 वर्ष सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अदालत ने महिला थाना कांड संख्या 11/21 तथा जनित पॉक्सो वाद संख्या 10 /21 की सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनायी।
करीब तीन वर्ष पूर्व सदर थाना क्षेत्र के अमठो पुनर्वास वार्ड नंबर 03 निवासी सोनू ने अपनी बहन के गांव में रह रही एक नाबालिग को हवस का शिकार बनाया था। इसको लेकर पीड़िता के आवेदन पर महिला थाना में मामला दर्ज किया गया था। सुनवाई उपरांत उक्त कोर्ट ने सोनू को दोषी करार करते हुए धारा 341 के तहत 01 माह कारावास, भादवि की धारा 323 के तहत 01 वर्ष कारावास, धारा 376 के तहत 10 वर्ष कारावास व 25 हजार रूपये अर्थदंड, पॉक्सो अधिनियम की धारा 04 के तहत 10 वर्ष सश्रम करावास व 25 हजार रुपये अर्थदंड तथा पॉक्सो अधिनियम की धारा 08 के तहत 04 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दिए गए फैसले में कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्त द्वारा पूर्व में कारा में बिताई गई अवधि दी गई सजा में समायोजित की जाएगी। इस वाद में पुलिस अधीक्षक शैशव यादव के मार्गदर्शन में अभियोजन कोषांग के द्वारा वाद के त्वरित विचारण कराकर सात साक्षियों की गवाही समय से कराई गई। सभी साक्षियों ने अपने-अपने बयान में घटना तथा प्राथमिकी का समर्थन किया था। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजिका नीलम कुमारी तथा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता देव कुमार सिंह ने बहस में हिस्सा लिया। पुलिस को दिए आवेदन में पीड़िता ने कहा था कि वे अपनी बीमार बहन की देखरेख को लेकर करीब 06 माह से बहन की ससुराल में रह रही थी। इसी गांव में अभियुक्त सोनू के खाला का भी घर था। इसके कारण सोनू का इस गांव बराबर आना-जाना होता था। उसकी बहन और अभियुक्त की खाला पड़ोसी थे। ऐसे में वे सोनू को जानते थे। 06 फरवरी 2021 को वह अपनी बहन के घर सोयी हुई थी। इसी बीच अभियुक्त सोनू उसके घर घुसकर जोर जबरदस्ती उनके साथ मुंह काला किया। इसी बीच हो हल्ला सुनकर जब उनके जीजा और बहन की नींद खुली तो अभियुक्त सोनू अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और एटीएम कार्ड छोड़कर भाग निकला और अपने खाला के यहां जाकर छिप गया।
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