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छातापुर - स्कूल में विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने से चार दर्जन बच्चे बीमार, आठ गंभीर, इलाजरत

  • छातापुर प्रखंड के मध्य विद्यालय ठूठी का मामला, बच्चे की थाली में मिली छिपकली
  • बीमार बच्चों को अभिभावकों ने नरपतगंज सीएचसी में कराया भर्ती, अधिकारियों ने लिया जायजा 


शशांक राज / सुपौल 

  सुपौल। छातापुर प्रखंड के मध्य विद्यालय ठूठी में सोमवार को मध्याह्न भोजन खाने से चार दर्जन बच्चे बीमार हो गए। जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी  छात्रों को आनन फानन में सीएचसी नरपतगंज ले जाया गया जहां वे इलाजरत हैं। 

   मिली जानकारी अनुसार सोमवार को विद्यालय में कुल 135 बच्चे उपस्थित थे जिन्हें मध्याह्न भोजन परोसा गया था। बताया जाता है कि अभी कुछ ही बच्चों ने पेट भर खाया था और शेष खा ही रहे थे इस बीच एक बच्चे की थाली में मरी हुई छिपकली पाई गई। यह देखते ही विद्यालय में अफरातफरी मच गई और बच्चों को उल्टी आनी शुरू हो गई। 


   बात फैलते ही विद्यालय परिसर में अभिभावकों का हुजूम उमड़ पड़ा और सभी विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ हंगामा करने लगे। लेकिन चंद बच्चों की बिगड़ती हालत को देखते हुए अभिभावक अपने-अपने बच्चों को लेकर नरपतगंज सीएचसी पहुंचने लगे। थोड़ी ही देर में एक-एक कर 48 बच्चे अस्पताल पहुंच गए और परिसर अभिभावकों की हुजूम से भर गया। 

   मामले की जानकारी पर डीपीओ राहुल कुमार चौधरी, बीडीओ रितेष कुमार सिंह, भीमपुर थानाध्यक्ष अमरनाथ कुमार व साधनसेवी विनोद कुमार भी सीएचसी नरपतगंज पहुंचे जिन्होंने पीड़ित बच्चों से पूछताछ की और चिकित्सकों से बीमार बच्चों का हाल लिया। 

   गंभीर रुप से बीमार छात्रों में कक्षा सात की सोनी कुमारी, वर्ग 05 की सीता कुमारी, वर्ग 02 का मो एहसान, वर्ग आठ का छोटू कुमार, वर्ग एक की अंशु कुमारी, वर्ग दो की साधना कुमारी एवं वर्ग आठ की दीपा भारती शामिल है। प्रतिभा व अंजलि सहित शेष 40 बच्चे प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर बताए जाते हैं। 

   मामले में पूछने पर प्रधानाध्यापक चंद्र नारायण मेहता ने बताया कि सारे बच्चों ने खाना खा लिया था इसी दौरान पता चला कि एक बच्ची की थाली में कीड़ा है। देखने से लगा कि सब्जी, चावल या दाल में गिर गया होगा। ऐसा लगता है कि शायद खाना तैयार होने के बाद गिरा। देखने के बाद बच्चों में दहशत फ़ैल गया जिसमें चार बच्चों की हालत बिगड़ गई। 


   वहीं एमडीएम साधनसेवी विनोद कुमार ने बताया कि चार बच्चे फिलहाल अस्पताल के बेड पर इलाजरत हैं। जबकि 16 बच्चे इलाज के लिए लाए गए थे। इस बाबत पूछने पर डीपीओ राहुल कुमार चौधरी ने बताया कि विद्यालय में इस प्रकार की घटना खेदजनक है। फिलहाल सभी बच्चे इलाज के बाद स्वस्थ हैं यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। अभिभावकों द्वारा खाने में गिरगिट मिलने की बात कही गई है और उनका बयान दर्ज कर लिया गया है। मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

   हालांकि उपचार में लगे चिकित्सक डॉ दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कुल 40 बच्चे उपचार के लिए लिए गए थे। शुरुआत में जिन तीन बच्चों को लाया गया था उनमें एक की स्थिति खराब थी। लेकिन सभी बच्चों का बेहतर इलाज किया गया है और वे सभी खतरे से बाहर हैं।

लड़खड़ाने लगे बच्चे तो स्कूल में दे दी छुट्टी, अभिभावकों के जुटते ही शिक्षक मौके से हुए फरार 

   स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने के बाद चंद बच्चों की हालत बिगड़ने लगी और चंद बच्चे लड़खड़ाने लगे। माहौल की नजाकत को भांपते हुए विद्यालय प्रबंधन ने स्कूल में छुट्टी दे दी और छात्रों को घर की ओर रवाना कर दिया। लेकिन बच्चे जैसे ही विद्यालय परिसर से बाहर निकले चंद सड़क पर ही चक्कर खाकर गिरने लगे। कुछ अभिभावकों की नजर बच्चों पर पड़ी और उन्होंने बच्चों से मामले की जानकारी ली। इस बीच ग्रामीण  विद्यालय परिसर में जमा होकर स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध रोष प्रकट करने लगे और मौके से शिक्षक फरार हो गए। नतीजतन, अभिभावकों ने जैसे तैसे बच्चों को अस्पताल पहुंचाया। एक ग्रामीण ने रोष व्यक्त करते कहा कि एंबुलेंस के लिए फोन करने पर एंबुलेंस नहीं होने का जवाब आया।

ग्रामीणों का आरोप था कि जब छात्रों को भोजन खिलाने से पहले शिक्षक को चखने का विभागीय आदेश है तो फिर कैसे सीधे बच्चों को ही खाना खिला दिया गया। मिल रही जानकारी अनुसार बलुआ सीएचसी से मेडिकल टीम ने विद्यालय परिसर पहुंचकर मौजूद बच्चों की स्वास्थ्य जांच की और आवश्यक दवाएं भी दी। घटना को लेकर अभिभावक व ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा ‌गया। ईधर, संध्याकाल चंद रसूखदारों के सक्रिय होने के बाद मामले की लीपापोती का प्रयास तेज हो गया बताया जाता है जो‌ विभागीय मिलीभगत से घटना की पर्देदारी में जुटे हैं।



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