- कैंसर संक्रमित मरीजों का होगा निःशुल्क इलाज
- राज्य का तीसरा कैंसर जांच केंद्र शुरू हो रहा पूर्णिया में : स्वास्थ्य सचिव
- साइलेंट किलर के रूप में तेजी से फैल रहा कैंसर : कमिश्नर
- कीमोथेरेपी केंद्र में विभिन्न सुविधाओं की है व्यवस्था
- जीएमसीएच के कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में नवंबर से मार्च तक 8351 मरीजों की हुई है जांच
शशांक राज / पूर्णिया
पूर्णिया, 01 अप्रैल । राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी एवं पैलिएटिव सेवा केन्द्र की शुरुआत हो गई है। शनिवार को पूर्णिया कमिश्नर मनोज कुमार सिंह एवं स्वास्थ्य विभाग,बिहार के स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से इसकी शुरुआत की गई। मेडिकल कॉलेज में कीमोथेरेपी एवं पैलिएटिव सेवा केन्द्र की शुरुआत होने से अब कैंसर संक्रमित मरीजों को इलाज कराने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी मरीजों को इसी केंद्र में कैंसर से सुरक्षा के लिए सभी प्रकार के इलाज के साथ आवश्यक दवाइयों की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उद्घाटन समारोह में जिलाधिकारी सुहर्ष भगत, मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. इश्तेखार अहमद, हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट डॉ वरुण कुमार ठाकुर, आरएडी डॉ. विजय कुमार, आरपीएम केशर इकबाल, सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी, गैर संचारी रोग चिकित्सक डॉ वी पी अग्रवाल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के ऑफिसर इंचार्ज डॉ रविकांत सिंह, कैंसर विशेषज्ञ डॉ रमेश गुप्ता सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे।
राज्य का तीसरा कैंसर जांच केंद्र शुरू हो रहा पूर्णिया में :
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सचिव सह स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि आज से 20-25 साल पहले किसी गांव में एक भी कैंसर से पीड़ित मरीज़ की जानकारी मिलने पर लोग सिहर जाते थे। आज के समय में हर किसी की जान पहचान में कोई न कोई कैंसर पीड़ित, कैंसर ग्रसित या कैंसर से मृत मरीज है। मरीजों को कैंसर से सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि इसका इलाज राजधानी के अलावा दूर दराज के क्षेत्रों तक उपलब्ध कराई जाए जिससे कि लोगों का सही समय पर आसानी से इलाज हो सके। पटना और मुजफ्फरपुर के बाद राज्य का तीसरा कैंसर कीमोथेरेपी जांच केंद्र पूर्णिया में खुल रहा है। पूर्णिया मेडिकल अस्पताल में यहां के प्राचार्य और सुपरिटेंडेंट के निर्देशन में कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रमेश गुप्ता द्वारा बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सकेगी । उन्होंने बताया कि कैंसर विशेषज्ञ डॉ. रमेश गुप्ता को पिछले 30 वर्षों से अमेरिका में कैंसर इलाज का अनुभव है। यह सुविधा भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है जिसमें टाटा ट्रस्ट की सहयोगिता रहेगी। इस कार्यक्रम में उपयोग होने वाली राशि बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के हर जिले के सदर अस्पताल में गैर संचारी रोग नियंत्रण के लिए एनसीडी स्क्रीनिंग की जाती है जहां लोग डाइबिटीज, हाइपरटेंशन व कैंसर की जांच करवा सकते हैं। यहां कैंसर की स्क्रीनिंग के बाद केस कन्फर्म होता है और उसके बाद इसका ट्रीटमेंट करवाया जाता । यहां कैंसर का इलाज होना इस क्षेत्र के लिए वरदान साबित होगा और आशा करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकेंगे।
साइलेंट किलर के रूप में तेजी से फैल रहा कैंसर :
पूर्णिया कमिश्नर मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कैंसर साइलेंट किलर के रूप में हमारे देश में तेजी से फैल रहा है। इसको अगर इस स्टेज में कंट्रोल नहीं किया गया तो यह स्वास्थ्य विभाग और सोसाइटी के लिए विकराल रूप धारण कर लेगा। इसी परिकल्पना के साथ कैंसर को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा पहले एनसीडी स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही थी और अब इसमें इलाज की सुविधा को जोड़ा गया । इससे आमलोगों को आसानी से इलाज उपलब्ध हो सकेगा और लोग कैंसर से सुरक्षित रह सकेंगे।
कीमोथेरेपी केंद्र में विभिन्न सुविधाओं की है व्यवस्था :
कैंसर कीमोथेरेपी एवं पैलिएटिव सेवा केन्द्र में इलाज के लिए विभिन्न प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं । इसमें डे केयर कीमोथेरेपी, ओरल, ब्रैस्ट व सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग, बायोप्सी, पैप स्मीयर, एफएनएसी, मेडिकल और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ओपीडी के साथ एक्सपर्ट ऑन्कोलॉजी कंसल्टेंट के साथ वीडियो कंसोल्सन की भी सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही अगले कुछ समय में यहाँ पॉलीएटिव केयर, ओंको सर्जरी व हिस्टोपैथोलॉजी एक्टिवेशन सुविधा भी शुरू की जाएगी ताकि किसी भी तरह के कैंसर से ग्रसित मरीजों का इलाज किया जा सके।
जीएमसीएच में संचालित कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर में नवंबर से मार्च तक 8351 मरीजों की हुई है जांच :
पूर्णिया मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में नवंबर 2022 से कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। मार्च 2023 तक यहां 8351 मरीजों की स्क्रीनिंग की गई है जिसमें से 987 मरीजों का नियमित फॉलोअप किया गया है। इसमें कैंसर संभावित और अति गंभीर कैंसर संभावित मरीजों की संख्या 319 पाई गई है जबकि 02 केस कन्फर्म हुआ है जिसे बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजा गया है।
कोई टिप्पणी नहीं