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स्टॉक में माल और किसान बेहाल, चंद खाद विक्रेताओं के रवैये से समय पर नहीं मिल रहा यूरिया, किसान लगा रहे दुकानों के चक्कर


  • आपूर्ति के बावजूद समय पर नहीं खुल रहीं दुकानें, वितरण में अपनाया जा रहा टाल मटोल का रवैया
  • किसान सलाहकार व कोऑर्डिनेटर वितरण के समय रहते हैं गायब, शिकायत सुनने को कॉल भी नहीं करते रीसिव 
  • अधिकांश विक्रेता किसानों की चिंता में रहते हैं शामिल, चंद व्यवसायियों के कारण महकमा हो रहा बदनाम
    दिन के 2:22 बजे  बंद राजा खाद बीज भंडार।

छातापुर (सुपौल)। स्टॉक में माल और किसान बेहाल, यही इन दिनों प्रखंड के किसानों के साथ हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सभी खाद विक्रेताओं का ऐसा ही रवैया है। बस चंद व्यवसायियों के कारण महकमा बदनाम हो रहा है। उपर से आलम यह कि ऐसे व्यवसायियों की शिकायत सुनने के लिए भी संबंधित राजी नहीं होते। इससे स्पष्ट है कि संबंधित विभागीय कर्मी की मिलीभगत से किसानों को एक-एक बोरी यूरिया के लिए तरसाया जा रहा है। अभी नहीं है, कल आईये, रजिस्ट्रेशन पर्ची लाईये और साथ में आधार कार्ड भी लाना जरुरी है, यह सुन सुनकर क्षेत्र के किसानों के कान पक रहे हैं। बारिश होते ही खाद की दुकानों पर यूरिया के लिए किसानों की आवक तेज हो जाती है और ऐसे में उठाव करने वाले खाद विक्रेता ही यदि अपनी दुकान बंद कर गायब हों और किसान सलाहकार से लेकर कोऑर्डिनेटर तक कॉल रीसिव ना करें तो इसे क्या कहा जाएगा! सोमवार को यही नजारा प्रखंड मुख्यालय से सटे चुन्नी पंचायत में देखने को मिला। समीप के सौरभ सुरभि खाद बीच भंडार में जहां किसानों को यूरिया की आपूर्ति हो रही थी। वहीं पास के राजा खाद बीच भंडार के प्रोपराईटर अपनी दुकान बंद कर गायब थे। मौके पर मौजूद चंद किसानों ने बताया कि जब भी उक्त व्यवसायी के दुकान को यूरिया की आपूर्ति की जाती है वे वितरण में आनकानी करते हैं और निर्धारित दर से अधिक मूल्य चुकाने पर ही यूरिया उपलब्ध हो पाता है। किसानों ने बताया कि यूरिया के मामले में चंद दुकानदारों का रवैया हैरान करने वाला है। ये लोग पहले से अपने रेगुलर कस्टमर को तैयार रखते हैं और आपूर्ति होते ही मनमानी कीमतों पर बेच देते हैं। बताया कि वितरण का तरीका इतना स्लो होता है कि किसान सलाहकार की मौजूदगी के बावजूद इनके रवैये पर कोई असर नहीं पड़ता। बताया कि दिनभर में 25-50 बोरी यूरिया सलटाकर इनका खेल रात में शुरु होता है। 

दुकान कहीं और स्टॉक रहता है कहीं और, निर्धारित दर की बात करने पर स्टॉक निल हो जाने का देते हैं हवाला

नियमानुसार यूरिया वितरण के समय कोऑर्डिनेटर की निगरानी में किसान सलाहकार को वितरण करवाने की विभागीय जिम्मेदारी दिये जाने की बातें सामने आती रही हैं। दुकान के खुलने का समय सुबह के आठ बजे हैं और सायंकाल इन्हें वितरण बंद कर देना है। बावजूद इनका खेल बड़ा निराला है। दिन में ही अपनों का अंगूठा लगवा व रजिस्ट्रेशन पर्ची रखकर कागजी खानापूर्त कर ली जाती है और गोदाम में माल रहते हुए किसानों को टरकाए जाने का रिवाज शुरु हो जाता है। ऐसा नहीं है सभी दुकानदार किसानों की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं, अधिकांश ऐसे व्यवसायी भी हैं जो किसानों की परेशानी को देखते हुए यूरिया की आपूर्ति के लिए लालायित रहते हैं। बावजूद चंद व्यवसायी अपने रसूख के दम पर विभाग व किसानों को चूना लगाने से परहेज नहीं बरत रहे। सोमवार को दिन के 2:22 बजे चुन्नी स्थित राजा खाद बीज भंडार बंद रहने को लेकर जब जानकारी ली गई तो पता चला कि यहां व्यवसायी की मर्जी चलती है। आम किसानों की परेशानी से इन्हें कोई लेना देना नहीं है।

निर्धारित दर से अधिक कीमतों में बेच रहे यूरिया, विभाग साधे है मौन

सोमवार को दुकान बंद रहने के बाबत संबंधित क्षेत्र के कोऑर्डिनेटर केएन महात्मन व किसान सलाहकार शिवेंद्र सरदार से मोबाईल संपर्क किया गया तो इन्होंने कॉल रीसिव करना मुनासिब नहीं समझा। वहीं स्थल पर मौजूद लोगों से दुकान खुलने के समय की स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। स्थानीय लोगों से जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ उक्त दुकानदार द्वारा 266.50 रुपये का एक बोरी यूरिया 350 से लेकर 400 रुपये प्रति बोरी के दर से बेचा गया है। मतलब नजदीक के अपने ग्राहक हैं तो उनके लिए 350 और दूर के किसान हैं तो उन्हें 400 रुपये की दर से प्रति बोरी यूरिया बेची गई। संबंधित मामले को लेकर क्षेत्रीय समन्वयक केएन महात्मन ने पूछने पर बताया कि आवंटन मिलने के बाद निर्धारित अवधि में दुकान बंद नहीं रखनी चाहिए थी। संबंधित मामले की जानकारी लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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