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पुलिस ने ससमय लिया होता एक्शन तो टल सकती थी मारपीट की घटना, स्थानीय चौकीदार के समक्ष प्रतिपक्षियों ने महिलाओं को पीटा

  • थाना क्षेत्र के माधोपुर पंचायत स्थित वार्ड नंबर चार में रविवार को पूर्व सूचना देने के बाद भी प्रतिपक्षियों ने घटना को दिया अंजाम
  • भूमि विवाद के कारण दो पक्ष आपस में भिड़े, तीन महिलाएं हुईं जख्मी, पीएचसी में उपचार के बाद एक रेफर 


छातापुर (सुपौल) । थाना क्षेत्र के माधोपुर पंचायत स्थित वार्ड नंबर चार में भूमि विवाद के कारण रविवार के अपराह्न दो पक्षों के बीच हुई मारपीट की घटना में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है। पीड़िता जुलेखा खातून के अनुसार शनिवार से ही उसके निजी जमीन पर प्रतिपक्षी जबरन घर बनाने की तैयारी में थे। पीड़िता के मना करने पर उसके साथ दुव्यर्वहार भी हुआ। जिसकी सूचना उनके द्वारा रविवार की सुबह स्थानीय थाना को लिखित रुप में दी गई। लेकिन किसी ने भी स्थल पर जाकर झांकने की जहमत नहीं उठाई और ना ही यथास्थिति बनाए रखने का प्रयास हुआ। लोगों की मानें तो समय रहते यदि पुलिस ने एक्शन लिया होता तो मारपीट की घटना को रोका जा सकता था और आवेदिका सहित तीन महिलाएं जख्मी नहीं हुई होती। स्थानीय लोगों की मानें तो सारा दारोमदार स्थानीय चौकीदार पर छोड़कर पुलिस निश्चिंत रही और दो पक्ष आपस में भिड़ गए। बताया जा रहा है कि जिस भूमि को ले दोनों पक्ष भिड़े उसपर दोनों ही अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं।

स्थानीय चौकीदार देने गए थे समझाईश, सामने ही लाठी डंडे से लैश लोगों ने महिलाओं पर कर दिया वार

 विवादित जमीन दोनों में से किसी की भी हो, यह तो सक्षम प्राधिकार ही बता पाएगा। लेकिन स्थल पर कानून व्यवस्था बहाल रहे यह जिम्मेदारी तो पुलिस की बनती थी। तो फिर स्थानीय चौकीदार के भरोसे हालात को छोड़ दिया जाना कहां तक उचित था! वह भी तब जबकि पीड़िता ने रविवार के पूर्वाह्न ही थाना पहुंच कर अपनी व्यथा सुना दी थी और लिखित आवेदन भी थमा दिया था। सुबह के आवेदन पर यदि पुलिस गश्त लगा आती और दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने के लिए ताकीद कर दिया जाता तो उक्त घटना को टाला जा सकता था। स्थानीय लोगों की मानें तो मारपीट की उक्त घटना स्थानीय चौकीदार मो जब्बार के समक्ष हुई। चौकीदार समझाईश से काम ले ही रहे थे कि दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। चौकीदार के सामने ही लाठी डंडे से लैश प्रतिपक्षियों ने महिलाओं पर वार करना शुरु कर दिया। नतीजा है कि रविवार को पूर्व सूचना देने के बाद भी आवेदिका रेफर मरीज बनी हैं। पीड़िता के परिजनों के अनुसार मारपीट की घटना के बाद दूसरी बार आवेदन देने के उपरांत थाना में जमे रहने वाले एक निजी व्यक्ति के सहारे प्राथमिकी तो दर्ज कर ली गई है। लेकिन कार्रवाई निष्पक्ष होगी इसका भरोसा कम ही है। इधर, पूछने पर स्थानीय चौकीदार मो जब्बार ने बताया कि थानाध्यक्ष के आदेश पर वे स्थल पर पहुंचकर प्रतिपक्षी को समझा ही रहे थे कि दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। बताया कि मारपीट होता देख उन्होंने थानाध्यक्ष को सूचना दी, लेकिन उन्होंने स्वयं के सोहटा में होने की जानकारी देते हुए कहा कि मना करने पर यदि नहीं मान रहे और मारपीट कर रहे हैं तो दोनों पक्षों को थाना भेज दो।

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