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अभियंता दिवस के अवसर कार्यक्रम का आयोजन, मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को दी गई श्रद्धांजलि

मधेपुरा। अभियंता दिवस  के अवसर पर बी0पी0 मंडल अभियंत्रण महाविद्यालय, मधेपुरा में साइंस, टेक्निकल, अभियंत्रण प्रोजेक्ट से सम्बंधित  कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह का उद्घाटन प्रो कुणाल कुमार और प्रो मनोज कुमार साह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

बताते चलें कि अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे)  को इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिवस के मौके पर मनाया जाता हैं, वे एक महान इंजिनियर थे इसलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को इंजीनियर्स डे के नाम पर समर्पित किया गया। इन्हें एक अच्छे इंजिनियर के तौर पर सफलतम कार्य करने हेतु 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इंजिनियर डे के द्वारा दुनिया के समस्त इंजिनियरों को सम्मान दिया जाता है। देश के बड़े बड़े वैज्ञानिक, इंजिनियर ने देश के विकास के लिए अनेकों अनुसन्धान किये। 

प्रो इंचार्ज कला और संस्कृति प्रो मनोज कुमार साह ने बताया कि यदि आप सच में एक अच्छा कंप्यूटर इंजिनियर बनना चाहते है तो कॉपी - पेस्ट का इस्तेमाल कम से कम करें। किताबों के ज्ञान और अच्छे नंबर लाने से कोई इंजिनियर नहीं बनता, उसे अपनी काबिलियत साबित करनी पड़ती है। इस मौके पर उन्होंने अभियंता दिवस  पर भाग लेने वाले सभी छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित किया।  भारत में अभियंता दिवस का अपना एक बहुत अलग ही महत्व है।  

प्रो अजय गिरी ने बताया कि इंजीनियरिंग केवल 45 विषयों का अध्ययन नहीं है बल्कि यह बौद्धिक जीवन का नैतिक अध्ययन है। वहीं प्रो  कुणाल कुमार ने अपने सम्बोधन में बताया की इंजीनियर समस्याओं को हल करना पसंद करते हैं। अगर हाथ से उपलब्ध कोई समस्या नहीं है, तो वे अपनी समस्याएं खुद बनाएंगे। प्रो राज कुमार ने बताया कि विज्ञान ब्रह्मांड में मौजूद चीजों के बारे में आवश्यक सत्य की खोज कर रहा है, इंजीनियरिंग उन चीजों को बनाने के बारे में है जो कभी अस्तित्व में नहीं थीं।

प्रो रमेश कुमार ने अपने सम्बोधन में बताया कि आप जो कुछ भी करते हैं उसमें पूर्णता के लिए प्रयास करें। जो मौजूद है उसमें से सबसे अच्छा लो तथा उसे और बेहतर बनाओ। जब यह मौजूद नहीं है, तो इसे डिज़ाइन करें। इस मौके पर सभी प्रोफेसर ने स्टूडेंट्स के उज्वल भविष्य की कामना की।  इस आयोजन को सफल बनाने के लिए में  ऋत्विक, कुंदन, शानू, श्वेता, आकांशा, दिव्या, विशाल, अनुप्रिया, चांदनी, आरती  इत्यादि का महत्वपूर्ण  योगदान रहा।  इस मौके पर विजेताओं को ट्रॉफी,  मैडल एवं अन्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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