- 11308 की जगह 10838 किलो मिला चावल, 2931 के एवज में 2725 किलो गेहूं की हुई आपूर्ति, 676 किलो खाद्यान्न की चोरी
- पीड़ित जविप्र विक्रेता ने लोडिंग-अनलोडिंग व एसआईओ खर्च के नाम पर फोरजी वर्कर पर 2000 रुपये मांगने का लगाया आरोप
- डीएसओ को आवेदन भेज जविप्र विक्रेता ने एसआईओ से पृथक अनाज भेजने व मापी के साथ उचित कार्रवाई का किया अनुरोध
जविप्र विक्रेता द्वारा जिला आपूर्ति पदाधिकारी को भेजा गया आवेदन।
सुपौल। छातापुर प्रखंड के जीवछपुर पंचायत के जविप्र विक्रेता ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी को आवेदन भेजकर डीएसडी से आपूर्ति किए गए खाद्यान्न में घटतौल की शिकायत की है। दिये आवेदन में जविप्र विक्रेता वैभव कुमार सिंह ने बताया है कि एजीएम व गोदाम पर कार्यरत फोर जी वर्कर की लापरवाही के कारण वितरण के अंतिम तिथि को नौ बजे रात में खाद्यान्न की आपूर्ति की गई जिसमें 676 किलो खाद्यान्न कम दिया गया है। दिये आवेदन में वर्णित तथ्यों के अनुसार उक्त विक्रेता ने लगातार संपर्क कर खाद्यान्न सवेरे भेजने का आग्रह किया था। बावजूद जान बूझकर रात को डोर स्टेप डिलीवरी की वाहन संख्या- बीआर 11जीए/9137 एवं बीआर 11एस/8534 से गेहूं व चावल की आपूर्ति की गई। बताया है कि एक वाहन के चालक मनोज मुखिया थे तो दूसरे का नाम राजेश कुमार था। मापी के बाद खाद्यान्न कम पाये जाने पर दोनों चालकों ने बार बार एजीएम व फोर जी वर्कर से मोबाईल संपर्क करना चाहा लेकिन दोनों में से किसी ने फोन रीसिव करना मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं एसआईओ के अनुसार उन्हें 11308 किलो चावल व 2931 किलो गेहूं की आपूर्ति होनी थी, जिसमें चावल 10838 व गेहूं 2725 किलो ही एसएफसी गोदाम से भेजा गया है।
समय पर नहीं हुई खाद्यान्न की आपूर्ति, लाभ से वंचित हो गए 60-70 कार्डधारी
विक्रेता की मानें तो उन्हें 183 लाभुकों के बीच खाद्यान्न का वितरण करना था, जिसमें कम खाद्यान्न आपूर्ति किये जाने के कारण 60 से 70 कार्डधारी लाभ से वंचित हो जा रहे हैं। बताया है कि 20 सितंबर को वितरण की अंतिम तिथि होने के बावजूद एसएफसी से खाद्यान्न की आपूर्ति ससमय नहीं की गई जिस कारण लाभुकों को माह अगस्त का अनाज समय पर नहीं दिये जाने की बाध्यता सामने खड़ी हो गई है। दिये आवेदन में फोर जी वर्कर जितेंद्र कुमार पर डीलर श्री सिंह ने लोडिंग-अनलोडिंग व एसआईओ खर्च के नाम पर दो हजार रुपये मांगने का भी आरोप लगाया है। डीलर श्री सिंह ने बताया कि गोदाम से कभी भी खाद्यान्न माप कर नहीं दिया जाता है और कहने पर फोर जी वर्कर व एजीएम का सीधा जवाब होता है कि धर्मकांटा से मापी का आदेश नहीं है। विडंबना देखिये, जिस विक्रेता को 20 सितंबर को लाभुकों के बीच खाद्यान्न का वितरण कर देना था, उसे अंतिम तिथि को रात्रि के नौ बजे एसएफसी गोदाम से खाद्यान्न की आपूर्ति होती है और 9:45 बजे उसका पॉस लॉक हो जाता है। ऐसे में व्यवस्था में सेंध का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिसने सुविधा शुल्क मुहैया कराई उनकी तो बल्ले-बल्ले है और जिसने आनकानी की उसे हासिये पर रखा जाता है। दिये आवेदन में डीलर ने डीएसओ से गोदाम से कम आपूर्ति किया गया खाद्यान्न दिलवाने व धर्मकांटा से मापी का आदेश देते हुए उचित कार्रवाई का अनुरोध किया है।
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