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लूटकथा: चैनसिंहपट्टी में तकरीबन 400 मीटर बाउंड्री चुराने के आरोपी संवेदक को मिलस बनमनखी चीनी मिल के चाहरदीवारी निर्माण का ठेका

  • बियाडा के माध्यम से चैनसिंहपट्टी में उक्त संवेदक को मिला लगभग साढ़े करोड़ का ठेका, अब साढ़े पांच करोड़ से बनमनखी का हो रहा कार्य
  • साईट पर नहीं रहते विभागीय जेई, घटिया बालू व निम्न स्तर के सीमेंट और छड़ से निर्माण कार्य को दिया जा रहा अंजाम 
     कार्य स्थल पर घटिया बालू दिखाते स्थानीय लोग। बोले- इस मिट़टी मिले रेत से तो हम गड्ढे भरते हैंं।

सुपौल। हाल के वर्षों में उद्योग विभाग का अधिकांश निर्माण कार्य बियाडा के माध्यम से ही निष्पादित होता रहा है। इसी के तहत जिले के चैनसिंहपट्टी में चाहरदीवारी का निर्माण संपन्न हुआ है। जहां संवेदक पर तकरीबन 400 मीटर बाउंड्री ही गबन कर लिए जाने की बातें चर्चा में आ रही है। वहीं अब उसी संवेदक को पूर्णिया के बनमनखी चीनी मिल के 118.55 एकड़ भू खंड पर चाहरदीवारी निर्माण की जिम्मेदारी बियाडा द्वारा दी गई है। स्थल पर कार्य से संबंधित सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है। नतीजतन आम लोग कार्य की जानकारी से अनभिज्ञ हैं। कार्य स्थल पर मौजूद संवेदक के मुंशी ने बताया कि तकरीबन 5.50 करोड़ की राशि से उक्त चाहरदीवारी का निर्माण किया जा रहा है जिसमें निम्न गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। सरिया श्याम स्टील का तो सीमेंट भी निम्न गुणस्तर का लगाया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि निर्माण कार्य में लोकल नदी के बालू का उपयोग किया जा रहा है जिस कारण किसी भी समय चाहरदीवारी धाराशायी हो सकता है। लोगों ने बताया कि एक तो कई चरण के आंदोलन के बाद औद्योगिक क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है और उपर से अब संवेदक व विभाग महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगाने पर तुला है। स्थानीय उपेंद्र यादव, कपिलदेव यादव, जगदीश यादव, सहदेव मंडल, राजदेव यादव, श्रवण यादव, पंकज यादव आदि ने बताया कि जिस बालू का उपयोग चाहरदीवारी में किया जा रहा है उस मिट्टी  मिले रेत का इस्तेमाल वे लोग गड्ढे की भराई के लिए करते हैं। 

मुंशी बोले- जो सामग्री संवेदक मुहैया कराते हैं वही कार्य स्थल पर उपयोग होता है, प्राक्कलन के मुताबिक है कि नहीं हम नहीं जानते

 स्टॉक में जमा घटिया व निम्न स्तर का रेत।

कार्य स्थल पर मौजूद मुंशी अशोक झा एवं राजीव कुमार यादव ने बताया कि साईट पर प्राक्कलन की प्रति नहीं है और अब तक बोर्ड लगाने का आदेश नहीं मिला है। जेई साहब एस्टिमेट लेकर कभी कभार आते हैं और अपने साथ लेकर चले जाते हैं। यह पूछने पर कि बियाडा के ईंजीनियर साईट पर रहते हैं कि नहीं, बताया कि साईट ईंजीनियर पूर्णिया से आते हैं और कार्य देख व बताकर चले जाते हैं।

बियाडा के जेई ने स्वीकारा साईट पर स्टॉक में है लोकल बालू, अनियमितता बरतने पर संवेदक को दी गई है हिदायत

बियाडा के जेई शिवपाल ने बताया कि बीच के समय में पटना जाने के कारण साईट पर हमलोगों का जाना कम था। इसी दौरान संवेदक ने लोकल बालू साईट पर गिरा लिया था। आने के बाद देखा गया तो काम को ब्रेक किया गया है। पूर्व में कुछ बेहतर रेत भी गिराया गया था। खनन का अभी थोड़ा दिक्कत है। वर्तमान में लोकल बालू का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। कहा कि बिहार में टाटा के अलावा श्याम स्टील का सरिया फोर्थ स्टेज में अप्रूव्ड है और इसी का सरिया प्रयोग में लाया जा रहा है। जब काम साईट पर चलता है तो संवेदक से बात कर पहुंचता हूं। नहीं तो बियाडा के तहत पूर्णिया जिले में चल रहे अन्य कार्य को देखने जाना पड़ता है। बताया कि कार्यपालक अभियंता जय बहादुर के क्षेत्र विस्तार के कारण वे पटना में ही रहते हैं। बताया कि कार्य में अनियमितता की बातों को लेकर संवेदक को हिदायत देते हुए घटिया बालू के उपयोग पर रोक लगाई गई है। यहां यह बताना लाजमी है कि जिस कार्य को विभागीय अभियंता की निगरानी में संपन्न कराना है वे स्वयं स्वीकारते हैं कि वे साईट पर पूर्ण समय नहीं दे रहे हैं और संवेदक निम्न स्तर की रेत का उपयोग कर रहा है। ऐसे में चाहरदीवारी निर्माण कार्य में बरते जा रहे अनियमितता के पब्लिकली आरोप को कतई नकारा नहीं जा सकता। मामला स्पष्ट है कि अब बियाडा का कार्य भी विश्वास की परिधि से बाहर होता जा रहा है और यहां भी संवेदक की लूट कथा जारी है।

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