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किशनगंज : 36 वर्षों से पोषण जागरूकता का अलख जगा रही हैं नमिता


  • गर्भवती माता एवं धात्री महिलाओं को देती है सुझाव


किशनगंज। शिशु के सर्वांगीण विकास के लिए जरूरी है कि उसको पूर्ण पोषण मिले। जन्म से छह माह तक सिर्फ माँ का दूध ही पूर्ण व समुचित आहार है। किन्तु छह माह के बाद शिशु के शरीर की बढ़ती जरूरतों के अनुसार, उसको स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार देना भी अनिवार्य है। इसी सन्देश के साथ अपने प्रखंड ठाकुरगंज के बेसरबाटी पंचायत के केंद्र संख्या 31 में पिछले 36 वर्ष से आंगनबाड़ी सेविका नमिता सिन्हा कार्य कर रही हैं  | उन्होंने उम्र को  अपने कार्य में कभी बाधक  नहीं  बनने दिया है। वे बताती हैं कि महिलाओं व युवतियों में होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है| अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण मिले तो उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है| इसमें हरी साग सब्जी, पालक, बथुआ, मेथी, गाजर, चना, सोयाबीन सहित अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का  सेवन करना चाहिए |

गर्भवती माता एवं धात्री महिलाओं को देती हैं  सुझाव

सेविका नमिता सिन्हा ने बताया कि  कुपोषण को दूर करने के लिए पोषण के पांच सूत्र तैयार किये गये हैं। इसमें पहला सुनहरा 1000 दिन, डायरिया प्रबंधन, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एवं  साफ-सफाई, एनिमिया प्रबंधन आदि शामिल है। वह अपने पोषक क्षेत्र के सभी गर्भवती एवं धात्री महिलाओं  को  गृह भ्रमण कर इसके बारे में बतातीं हैं ।

कुपोषण दूर करने के लिए पोषणयुक्त पौधे अवश्य लगाएँ 

सेविका नमिता सिन्हा कुपोषण  दूर करने के लिए अपने पोषक क्षेत्र में खाद्य वानिकी पोषण युक्त पौधों के माध्यम से प्रत्येक केंद्र पर बेल, जामुन, आंवला, पपीता, खजूर, अमरूद, सहजन, अनार आदि में से कम से कम 4 पौधों को लगाने के लिए लोगो को जागरूक कर रही हैं |


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