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कायाकल्प पियर की तीन सदस्यीय टीम ने बैसा, अमौर, कसबा एवं भवानीपुर स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण:

  •  टीम द्वारा कायाकल्प योजना के तहत बेहतर कार्य करने को लेकर दिया गया आवश्यक दिशा-निर्देश:
  • अस्पताल में इलाजरत मरीजों के साथ उत्तम व्यवहार करना पहला कर्तव्य: आरपीएम
  • गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को मिल रहा लाभ: डॉ अनिल कुमार शर्मा


पूर्णिया (26  अगस्त)।

सार्वजनिक स्तर पर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में साफ-सफाई, स्वच्छता, बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, फाइलों का संधारण, अस्पताल परिसर में संक्रमण रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा किये गए कार्यो को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कायाकल्प योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित बैसा सीएचसी, रेफ़रल अस्पताल अमौर, सीएसची कसबा एवं स्वास्थ्य केंद्र भवानीपुर का कायाकल्प योजना के तहत तीन सदस्यीय टीम में शामिल किशनगंज के जिला गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ विद्या कुमारी, केयर इंडिया के डीपीएचओ सईद मोख्तार मोनिस एवं सदर अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक जुल्ले अशरफ के द्वारा पीयर एसेसमेंट किया। कायाकल्प योजना के तहत पहले चरण में इंटरनल एसेसमेंट, दूसरे चरण में पीयर एसेसमेंट एवं तीसरे चरण में राज्य स्तरीय टीम द्वारा असेसमेंट किया जाता है। जिसके तहत 70% अंक प्राप्त करने के बाद ही राज्य स्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। इस अवसर पर क्षेत्रीय आशा समन्वयक प्रियंका कुमारी, यूनिसेफ़ की ओर से नंदन कुमार झा, बैसा के एमओआईसी डॉ ज़ुबैर, अमौर के एमओआईसी डॉ बरकतुल्लाह, कसबा के एमओआईसी डॉ एके सिंह एवं भवानीपुर के एमओआईसी नवीन उफरोजिया सहित विभिन्न अस्पताल के अस्पताल प्रबंधक, बीएचएम, स्टाफ़ नर्स सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे

अस्पताल में इलाजरत मरीजों के साथ उत्तम व्यवहार करना पहला कर्तव्य: आरपीएम

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इक़बाल ने बताया कि कायाकल्प योजना का मुख्य उद्देश्य यह कि सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों की दिशा में प्रोत्साहित करना एवं स्वास्थ्य सुविधाएं सहित स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक माहौल बनाना। सामान्य रूप से विभिन्न अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभागीय स्तर पर मुख्य रूप से तीन तरह की सुख सुविधाओं पर फोकस किया गया। जिसमें स्वच्छता, बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हॉस्पिटल इंफेक्शन के अलावा मरीजों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के उत्तम व्यवहार को लेकर अस्पताल प्रशासन को कार्य करना होता है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मियों द्वारा अस्पताल में इलाजरत मरीजों या आने वाले अभिभावकों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का भी निर्देश दिया गया। शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के साथ ही अस्पताल परिसर में बने शौचालयों को घर जैसी सफ़ाई रखने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। अस्पताल परिसर में छोटे -छोटे पार्क बनाकर उसमें रंग बिरंगे फूल-पौधे एवं औषधीय पौधे लगाकर उसकी निगरानी करने का भी निर्देश दिया गया है। जिले में सभी अस्पताल में मरीजों को शांत एवं स्वच्छ वातावरण माहौल बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।  

गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को मिल रहा लाभ: डॉ अनिल कुमार शर्मा

जिला गुणवत्ता यकीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार करने की दिशा में क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं अस्पताल में आने वाले मरीजों की माने तो पहले की अपेक्षा बहुत ज़्यादा सुधार भी हुआ है लेकिन अभी भी बहुत कुछ सुधार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। हालांकि ज़िलें के विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग हमेशा तैयार रहता है।हालांकि इन चारों अस्पताल के अधिकारी, कर्मचारी एवं अस्पताल प्रबंधन पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं।

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