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छातापुर - 16 किमी के बीच एकमात्र ईंधन केंद्र, कालाबाजारियों को प्राथमिकता देने से वाहनों की लगती कतार, तेल की गुणवत्ता पर भी उठ रहे सवाल


  • समान डेंटिसिटी के कारण ईंधन में सस्ता सॉल्वेंट मिलाने की हो रही चर्चा, वाहनों के माइलेज में भी फर्क की बातें आ रही सामने
  • उत्तर में एनएच-57, दक्षिण में एनएच-327 किनारे जदिया में व पश्चिम में पिलुआहा पेट्रोल पंप के मध्य स्थित है फ्यूल सेंटर





छातापुर (सुपौल)। प्रखंड मुख्यालय में संचालित एकमात्र ईंधन केंद्र पर आए दिन भीड़ जुटने के कारण वाहनों में तेल भरवाने को लेकर मारामारी की स्थिति होती है। प्रबंधन द्वारा कालाबाजारियों को प्राथमिकता दिये जाने की वजह से कभी-कभार तो विकट हालात का सामना होता है। वाहनों की लंबी कतार ईंधन भरवाने के लिए प्रतीक्षारत होती है और गैलन व ड्रम वालों को प्राथमिकता दिए जाने के कारण ग्राहकों में असंतोष पनपता है। दूसरी ओर नियमित जांच नहीं होने की वजह से तेल की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में है। जानकारों की मानें तो इंडियन ऑयल से संचालित मां सावित्री फ्यूल सेंटर पर ग्राहकों से धोखा हो रहा है और वे लंबी अवधि से ठगी के शिकार होते रहे हैं, यही कारण है कि वाहनों के माइलेज पर असर पड़ रहा है और इसका सीधा पता ग्राहकों को नहीं चलता। लेकिन एक ही वाहन को लंबी अवधि से चला रहे चालकों को पता तो चलता है पर उनकी मौखिक आपत्ति को पंप प्रबंधक नजरअंदाज करते रहते हैं। जानकारों की मानें तो ईंधन में सॉल्वेंट की मिलावट हो रही है। चूंकि सॉल्वेंट की मिलावट करने से ईंधन की डेंटिसिटी पर फर्क नहीं पड़ता सो जांच को लेकर भी बेफिक्री रहती है। इनकी मानें तो सॉल्वेंट की डेंटिसिटी ईंधन के समकक्ष होता है और यह ईंधन से सस्ता भी पड़ता है। बताया कि सॉल्वेंट बेचने वालों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है जो पंप संचालकों से संपर्क कर उन्हें मिलावट से होने वाले फायदे गिनाकर बेचते हैं और पंप संचालकों को गलत राह अख्तियार करवाते हैं। कोई इनकी जाल में फंसता और जिन्हें ईमानदारी से कारोबार करना होता है वे इसकी खरीदारी से परहेज बरतते हैं।

16 किमी के दायरे में नहीं है दूसरा पेट्रोल पंप, विकल्प नहीं रहने के कारण चलती है मनमानी

छातापुर प्रखंड मुख्यालय में एकमात्र पेट्रोल पंप के संचालन से ग्राहकों को हो रही कठिनाई का विकल्प कालाबाजारियों से तेल खरीदना मात्र है। एसएच-91 किनारे संचालित मां सावित्री फ्यूल सेंटर पर यदि ईंधन भरवाने से चूके तो फिर 16 किमी का सफर तय करना होगा। उत्तर में एनएच-57 किनारे या फिर 327 ए किनारे जदिया में अथवा पिलुआहा पेट्रोल पंप तक सफर करने के बाद ही ईंधन भरवाने की सुविधा मिलेगी। ऐसे में मां सावित्री फ्यूल सेंटर ही एकमात्र ईंधन का जरिया है, सो यहां मनमानी का आलम चरम पर है। मिलावटी तेल से लेकर पंप के प्रबंधन व कर्मी की असहज क्रियाकलाप को सहन करना ग्राहकों की नियती बन चुकी है। पंप पर ग्राहकों की परेशानी व तेल की गुणवत्ता को लेकर पूछने पर फिलवक्त पंप का प्रबंधन देख रहे पिंटू कुमार ने बताया कि हमारी व्यवस्था दुरुस्त है। कहा कि प्रकाश में आ रहे मामले को लेकर संबंधित सेल्स ऑफिसर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अपनी व्यवस्था दुरुस्त कर लो, जांच होगी भी तो तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा। मामले पर गौर करें तो बातचीत का ऐसा भाषाई लहजा किस दिशा में ईशारा कर रहा है। हकीकत क्या है यह तो जांच का विषय है, लेकिन जांच करने वाले ही पहले दुरुस्त कर लेने की सलाह दें तो कुछ तो गड़बड़ है!



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