एक पखवाड़ा पूर्व ग्रामीणों ने बोचहा चौक पर शव
रखकर तीन घंटे तक किया था प्रदर्शन
छातापुर (सुपौल)। शमशान घाट तक पहुंचने का रास्ता
नहीं मिल पाने के कारण प्रखंड के ग्वालपाड़ा पंचायतवासी स्व निर्मला देवी के
परिजनों को उनका क्रियाकर्म सड़क किनारे पेड़ के नीचे ही संपन्न करना पड़ा। पूछने पर
कर्मक्रिया में शामिल प्रदीप कुमार सहित परिजनों ने बताया कि निधन के दिन शव को शमशान
तक ले जाने के लिए रास्ता नहीं दिए जाने के कारण शवयात्रियों ने बोचहा चौक पर शव
रखकर तीन घंटे धरना भी दिया था। प्रदर्शन की सूचना पर बीडीओ और सीओ छातापुर धरना
स्थल पर पहुंचे, जिनके द्वारा एक सप्ताह के भीतर अतिक्रमण
हटाकर श्मशान तक के लिए रास्ता मुहैया कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन
तेरहवीं संपन्न हो जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से ना तो अतिक्रमण हटाया गया और
ना ही रास्ते का प्रबंध किया गया है।
परिजनों के अनुसार बोचहा चौक के निकट करीब सौ
वर्षों से सार्वजनिक शमशान भूमि है जहां गांव भर के लोग शवदाह करते आ रहे हैं।
बताया कि चौक पर सड़क किनारे की जमीन का अतिक्रमण कर डेढ़ दर्जन व्यवसायिक
प्रतिष्ठान खोल लिए गए हैं। इस वजह से शमशान तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं दिया जा
रहा है। एक पखवाड़ा पूर्व स्व निर्मला देवी का शव लेकर श्मशान जाने के क्रम में
रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध पाया गया जिसके आक्रोश में ग्रामीण गोलबंद होकर धरना पर बैठ
गए थे। किन्तु इस दौरान प्रशासनिक पदाधिकारी द्वारा दिया गया आश्वासन भी अब कोरा
साबित हो रहा है। इस बाबत पूछने पर बीडीओ रितेष कुमार सिंह ने बताया कि मामले में
अपर समाहर्ता से वार्ता की गई है, संबंधित मामला
प्रक्रियाधीन है, एक सप्ताह में समस्या का निराकरण कर लिया
जाएगा।
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