आश नारायण मिश्रा
वीरपुर (सुपौल)। भारत द्वारा लिपुलेख और कालापानी में सड़क निर्माण पर नेपाल द्वारा आपत्ति दर्ज करने पर भारत ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि जिस क्षेत्र में सड़क का निर्माण किया जा रहा है वह उसका क्षेत्र हैं। नेपाल के विदेश मंत्री ने आपसी बातचीत से समस्या का समाधान निकालने की बात कही थी। भारत के आपत्ति के बाबजूद भी नेपाल के हरकतों के कारण कालापानी मसले को भारत और नेपाल के बीच तनाव बना हुआ है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि नेपाल ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों में 'अनौपचारिक जनगणना' करवाई है। नेपाल इन क्षेत्रों पर अपना दावा करता रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल ने बताया है कि इस क्षेत्र में करीब 700 लोगों की आबादी है। नेपाल के अधिकारियों ने बताया है कि जनगणना कार्यकर्ता शारीरिक रूप से इन क्षेत्रों में नहीं पहुंचे। ऐसे में जनगणना के लिए गैर-पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल किया गया। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स नेपाल के उप निदेशक हेमराज रेग्मी ने बताया है कि हमने भारत जाने वाले प्रवासी मजदूरों, बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा कर्मी और बॉर्डर पार नेपाली नागरिकों के रिश्तेदारों के जरिए डेटा जमा किया है। हम वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए सैटेलाइट का इस्तेमाल करेंगे।
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