सुपौल। मरिचा स्थित भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) में 30 दिवसीय महिला दर्जी प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर 33 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सुपौल लोक शिकायत पदाधिकारी श्रीमती श्रीति कुमारी मौजूद थीं, जबकि अन्य गणमान्य अतिथियों में सुपौल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सह लायंस क्लब के सचिव धर्मेंद्र कुमार पप्पू और जीविका के रोजगार प्रबंधक शुभरंजन कुमार वर्मा उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत आरसेटी सुपौल के निदेशक धीरेन्द्र कुमार धीरज ने सभी अतिथियों के स्वागत से की। उन्होंने आरसेटी में चल रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि यह संस्थान 18 से 45 वर्ष के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए सिलाई, ब्यूटीशियन, कंप्यूटर, डेयरी, बकरी पालन, अगरबत्ती निर्माण जैसे कई प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है। सिलाई प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रशिक्षकों सुप्रिया और वरिष्ठ फैकल्टी अनिश रंजन ने न केवल सिलाई का प्रशिक्षण दिया, बल्कि व्यवसायिक जानकारी भी साझा की।
मुख्य अतिथि श्रीति कुमारी ने सभी प्रशिक्षुओं से संवाद कर उनके अनुभव साझा किए और आरसेटी की उत्कृष्ट प्रशिक्षण गुणवत्ता की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने संस्थान का निरीक्षण भी किया और कंप्यूटर व ब्यूटीशियन प्रशिक्षण शुरू करने की मांग रखी। साथ ही, प्रशिक्षक सुप्रिया को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देने के लिए धन्यवाद दिया।
धर्मेंद्र कुमार पप्पू ने आरसेटी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है, इसलिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुपौल चैम्बर ऑफ कॉमर्स प्रशिक्षुओं के व्यवसायिक विकास में हर संभव सहयोग देगा। लायंस क्लब सुपौल की ओर से उन्होंने दिव्यांग प्रशिक्षुओं की सुविधा के लिए व्हीलचेयर भी प्रदान की।
जीविका के रोजगार प्रबंधक शुभरंजन कुमार वर्मा ने बताया कि जीविका और आरसेटी के संयुक्त प्रयासों से यह प्रशिक्षण संभव हो पाया है। उन्होंने जानकारी दी कि जल्द ही सुपौल सदर प्रखंड में सिलाई केंद्र खोला जाएगा, जिससे प्रशिक्षित महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
सिलाई प्रशिक्षक सुप्रिया ने बताया कि 30 दिनों के इस प्रशिक्षण में प्रशिक्षुओं ने विभिन्न प्रकार के परिधान जैसे पेटीकोट, ब्लाउज, नाइटी, फ्रॉक, सलवार, कुर्ती, स्कूल ड्रेस आदि बनाना सीखा। उन्होंने कहा कि आरसेटी में प्रशिक्षण देना उन्हें संतुष्टि प्रदान करता है, क्योंकि यहां आने वाले प्रशिक्षुओं को आत्मनिर्भरता की नई राह मिलती है।
आरसेटी के वरिष्ठ प्रशिक्षक अनिश रंजन ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान व्यवसाय से जुड़ी तमाम जानकारियां दी गईं, ताकि प्रशिक्षु भविष्य में मार्केटिंग की समस्या से न जूझें। उन्होंने बैंकिंग, प्रोजेक्ट रिपोर्ट, ग्राहक संवाद और आत्मनिर्भरता से संबंधित विषयों पर भी प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम के सफल संचालन में कार्यालय के मुकेश मुस्कान, तिरु रूपक, चेतन सिंह, किशन कुमार, बम कुमार, पिंटू कुमार, बिंदुलिया देवी सहित अन्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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