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जन सुराज का 'राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी' कार्यक्रम में शामिल हुए प्रशांत किशोर, PK ने बताया गांधी की विचारधारा के आधार पर भाजपा को हराने का फॉर्मूला

  • जन सुराज का नेतृत्व करने वाले 25 लोगों में 4-5 लोग मुस्लिम समाज के होंगे और विधानसभा चुनाव में भी कम से कम 40 प्रत्याशी मुसलमान होंगे: प्रशांत किशोर


पटना। पटना स्थित बापू सभागर में जन सुराज का 'राजनीति में मुसलमानों की भागीदारी' का आयोजन किया गया जिसमें हज़ारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि आज की राजनीतिक और सामाजिक हालातों को देख कर यह कहा जा सकता है कि समय आ गया है फिर से गाँधी, अंबेडकर ,लोहिया और जेपी की विचारधारा को पुनर्जीवित करना होगा। उन्होंने मंच से सभी विपक्षी दलो को जवाब देते हुए कहा कि मैनें 2014 में नरेन्द्र मोदी को जिताने में कंधा लगाया था, लेकिन उसके बाद 2015 से 2021 तक हमेशा बीजेपी के खिलाफ लड़ रही पार्टियों और नेताओं को जिताने में कंधा लगाया। आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि मात्र 37 प्रतिशत वोटों से ही बीजेपी तीन बार दिल्ली में सरकार बनाने में कामयाब हुई है जबकि देश में तो 80 प्रतिशत हिन्दू आबादी है। इसका मतलब हुआ कि 40 प्रतिशत हिन्दू ने बीजेपी के खिलाफ वोट दिया है। इसका यह मतलब कि 40 प्रतिशत हिन्दू ने नफरत की राजनीति करने वाली विचारधारा के खिलाफ वोट दिया है। इसीलिए अब समय आ गया है की यदि आप अपने बच्चों के साथ इंसाफ करना चाहते है तो आप भी गाँधी और समाजवाद की विचारधारा से जुड़कर भाजपा को हरा सकते हैं। 


प्रशांत किशोर ने बड़ा ऐलान करते हुए मुस्लिम समाज को वादा किया कि जिस तरह हर समाज को उनकी जनसँख्या के अनुसार जन सुराज में भागीदारी मिलेगी, उसी पर कायम रहते हुए जन सुराज कम से कम 40 मुसलमानों को विधानसभा में टिकट देगी। केवल सरकार में ही नहीं संगठन में भी पूरी हिस्सेदारी दी जाएगी। संगठन का नेतृत्व करने वाले 25 लोगों में भी चार से पांच मुस्लिम समुदाय के लोग होंगे। जबकि आज जदयू, राजद और कांग्रेस तीनों मुसलमानों का वोट लेती है पर आज बिहार में मात्र 19 विधायक ही विधानसभा में हैं। जबकि आपकी आबादी 18-19 प्रतिशत हैं। सबने आपसे वोट लिया, पर किसी ने भी आपको ना तो हिस्सेदारी दी, ना ही हक और ना ही आपका विकास किया। प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि मैं आपसे वोट नहीं मांग रहा हूं, केवल इतना कह रहा हूं कि अगली बार वोट अपने बच्चों के नाम पर दीजिए।

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