पिपरा (सुपौल)। स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली सरकार के दूरगामी योजनाओं पर ग्रहण लगा रही है। स्वास्थ्य केंद्र से आम लोगों को नहीं मिल रही सुविधा स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को उजागर कर रही है। पिपरा के अमहा गाँव मे स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र जीर्ण शीर्ण और जर्जर अवस्था मे रहने के कारण इस केंद्र से लोगों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है। खास बात यह है कि इसके भवन में निजी सामान रखे जाते हैं जलावन से लेकर सीमेंट तक का स्टॉक रखकर लोग स्वास्थ्य केंद्र की उपयोगिता पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र दुरुस्त रहती तो चार किलोमीटर दूर उन्हें इलाज के लिए नहीं जाना पड़ता। लोगों ने कहा कि देख रेख के अभाव में भवन खंडहर बनता जा रहा है। न तो यहां डॉक्टर आते हैं और न ही कर्मी जिसके चलते लोगों को छोटे मोटे इलाज के लिए चार किलोमीटर दूर पिपरा जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रसाशन ने इस दिशा में पहल की मांग की है।
पिपरा (सुपौल)। स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली सरकार के दूरगामी योजनाओं पर ग्रहण लगा रही है। स्वास्थ्य केंद्र से आम लोगों को नहीं मिल रही सुविधा स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता को उजागर कर रही है। पिपरा के अमहा गाँव मे स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र जीर्ण शीर्ण और जर्जर अवस्था मे रहने के कारण इस केंद्र से लोगों को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पाता है। खास बात यह है कि इसके भवन में निजी सामान रखे जाते हैं जलावन से लेकर सीमेंट तक का स्टॉक रखकर लोग स्वास्थ्य केंद्र की उपयोगिता पर सवाल उठा रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र दुरुस्त रहती तो चार किलोमीटर दूर उन्हें इलाज के लिए नहीं जाना पड़ता। लोगों ने कहा कि देख रेख के अभाव में भवन खंडहर बनता जा रहा है। न तो यहां डॉक्टर आते हैं और न ही कर्मी जिसके चलते लोगों को छोटे मोटे इलाज के लिए चार किलोमीटर दूर पिपरा जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रसाशन ने इस दिशा में पहल की मांग की है।
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