Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Classic Header

{fbt_classic_header}

Breaking News

latest

जिला अपीलीय प्राधिकार ने किया खारिज, 2 वर्ष बीतने के बाद कंप्यूटर ऑपरेटर ने पेश किया शुद्धि पत्र, कार्यालय सचिव ने की मार्गदर्शन की मांग

 




सुपौल (राज टाइम्स)।

जिला अपीलीय प्राधिकार, सुपौल में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां 2 वर्ष बाद संगणक सहायक ने अपने पीठासीन पदाधिकारी के आदेश की कॉपी जमा कराई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माननीय पीठासीन पदाधिकारी जिला अपीलीय प्राधिकार सुपौल द्वारा 16 अप्रैल 2019 को अपील संख्या 5/19 मनोवर हुसैन बनाम बिहार सरकार एवं अन्य के मामले में अपने चार पन्ने के पारित आदेश में अपील खारिज कर दिया था। दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद 17 जुलाई 2021 को जिला अपीलीय प्राधिकार के कंप्यूटर ऑपरेटर (संगणक सहायक) अमित कुमार ने उक्त अपील संख्या 5/19 की 3 पन्नों में शुद्धि पत्र अंतिम आदेश कार्यालय में समर्पित किया है जो पारित आदेश (अपील खारिज) के बिल्कुल विपरीत है। कंप्यूटर असिस्टेंट (संगणक सहायक) अमित कुमार ने 3 पन्नों में शुद्धि पत्र स्वीकृत आदेश की प्रति के साथ कार्यालय सचिव जिला अपीलीय प्राधिकार के नाम से दिए गए संलग्न आवेदन में बताया है यह शुद्धि पत्र अंतिम आदेश 16 अप्रैल 2019 का ही है। साथ ही उन्होंने अपने आवेदन में इस बात का भी जिक्र किया है कि वे अपने स्तर से विभिन्न अधिकारियों को यह पत्र भेज चुके हैं। सवाल यह उठता है कि 2 वर्ष तक यह शुद्धि पत्र अंतिम आदेश कहाँ था। संगणक सहायक अमित कुमार ने इतने अति संवेदनशील कागजात को दो वर्ष तक कहाँ रखा था। साथ ही जब वे इस प्रकार के किसी भी कार्य के लिए अधिकृत नहीं है तो इन कागजातों को किस नियम के आलोक में दिया अन्य कार्यालयों व अधिकारियों को भेजा। विदित हो कि प्राधिकार द्वारा वर्ष 2019 तक अपने द्वारा पारित आदेश पर पुनर्विचार करने की शक्ति प्रदान नहीं थी तो फिर यह शुद्धि पत्र असली है इस पर प्रश्नवाचक चिन्ह लग जाता है।
इस मामले में कार्यालय सचिव जिला अपीलीय प्राधिकार ने माननीय पीठासीन पदाधिकारी द्वारा 4 पृष्ठ में पारित आदेश 16 अप्रैल 2019 एवं अमित कुमार द्वारा 3 पृष्ठ में समर्पित शुद्धि पत्र अंतिम आदेश के साथ पत्रांक 29 दिनांक 20 जुलाई 2021 के द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी सुपौल से मार्गदर्शन की मांग की गई है। अभी तक मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हुआ है। बताते चले कि अपील संख्या 5/19 दो प्रमाण पत्र एवं दो जन्मतिथि का मामला था जिसे जिला अपीलीय प्राधिकार ने खारिज कर दिया था।
इतने संवेदनशील मामले में अंतिम आदेश के 2 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद संगणक सहायक द्वारा पत्र दिया जाना जहाँ संदेह पैदा करता है। वहीं संगणक सहायक द्वारा इस शुद्धि पत्र आदेश के साथ पत्राचार करना गंभीर साजिश की ओर भी इशारा करता है क्योंकि संगणक सहायक इस प्रकार के बाहरी पत्राचार के लिए अधिकृत नहीं है।
वहीं विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अंतर्गत इस प्रकार के फर्जी आदेश पर 100 से अधिक शिक्षकों का नियोजन किया गया है।

कोई टिप्पणी नहीं